इस दुनिया में कई ऐसी चीजें हैं, जिन्हें देख कर आपको लगेगा ही नहीं कि इन्हें यहीं बनाया गया है. खासतौर से उस दौर की कुछ चीजें जिस वक्त तकनीक के नाम पर कुछ भी नहीं था. दरअसल, हम बात कर रहे हैं एक ऐसे आइलैंड की जहां कुछ ऐसी मूर्तियां मौजूद हैं, जिनके बारे में आज तक नहीं पता चल पाया है कि आखिर ये इस धरती पर आई कहां से हैं और इन्हें बनाया कैसे है. कुछ लोग तो यहां तक मानते हैं कि हजारों साल पहले जब एलियन इस धरती पर आए थे, तब उन्होंने इन मूर्तियों का निर्माण किया है.


कहां हैं ये रहस्यमयी मूर्तियां?


हम जिन रहस्यमयी मूर्तियों की बात कर रहे हैं वो ईस्टर आइलैंड पर मौजूद हैं. इस आइलैंड पर हर तरफ कई ऐसी बड़ी बड़ी मूर्तियां हैं जिन्हें देख कर लगता ही नहीं है कि इन्हें हजारों साल पहले कोई ऐसे बना सकता था जब कोई तकनीक ही पृथ्वी पर मौजूद नहीं थी.  आपको बता दें ये ईस्टर आइलैंड प्रशांत महासागर के किनारे है. इन मूर्तियों को स्थानीय भाषा में माओ की मूर्तियां कहते हैं.


वैज्ञानिक भी नहीं लगा पाए इनकी उत्पत्ति के बारे में पता?


इन मूर्तियों को लेकर सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि इनका रहस्य अभी तक वैज्ञानिक भी नहीं लगा पाए. इन मूर्तियों की ऊंचाई लगभग 7 मीटर है. यही वजह है कि वैज्ञानिक हैरान है कि उस दौर में जब ढंग के औजार भी नहीं थे तो किसी ने इस तरह की और इतनी बड़ी मूर्तियां बना कैसे दीं. आपको बता दें इस आइलैंड पर एक मूर्ती है जिसकी ऊंचाई लगभग 35 फीट है और इसका वजन 75 टन है. 


 किसने की थी इस टापू की खोज?


कहा जाता  है कि इस टापू की खोज साल 1722 में एडमिरल याकूब रोवेगीन ने की थी. वहीं इन मूर्तियों को लेकर कहा जाता है कि इन्हें रापा नुई लोगों ने बनाई थीं. क्योंकि करीब 1200 साल पुरानी ये मूर्तियां जहां हैं, उस टापू पर रापा नुई लोगों का ही राज था.


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