पैरों को सुरक्षित रखने के लिए फुटवियर का आविष्कार हुआ था. तकनीक और समय बदलने के साथ ही इसमें भी बदलाव होता चला गया है. आज के दौर में महिलाएं हील वाले जूते और चप्पल पहनती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये हील वाले जूते महिलाओं के लिए नहीं बल्कि आदमियों के लिए डिजाइन हुए थे. जी हां सबसे पहले हील वाले जूतों का इस्तेमाल पुरुषों ने किया था. जानिए कब और कैसे हील वाले जूते का आविष्कार हुआ था.

  


हील वाले जूते


आदमियों के लिए बने हील वाले जूते को लेकर कई कहानियां मौजूद हैं. फ्रांस के लुइस चौदहवें एक महान शासक थे. लेकिन उस महान शासक की लंबाई केवल पांच फुट चार इंच थी. अपने हाइट की कमी को दूर करने के लिए वो 10 इंच की हील का जूता पहनते थे. उसके जूतों की हील्स पर अक्सर उसके द्वारा जीते गए युद्धों को जिक्र उकेरा जाता था. हालांकि जानकारी के मुताबिक 1740 तक पुरुषों ने ऊंची हील का इस्तेमाल करना बंद कर दिया था. 


कुछ रिपोर्ट के मुताबिक पुरुषों द्वारा ऊँची एड़ी के जूते पहनने की प्रथा 10वीं शताब्दी के आसपास की है. उस वक्त फ़ारसी घुड़सवार सेना के सैनिकों ने घोड़ों की सवारी करते समय अपने पैरों को रकाब में सुरक्षित रखने के लिए एड़ी वाले जूते पहनना शुरू किया था. ऊँची एड़ी के जूता पहनने से उनके पैरों को बेहतर पकड़ मिलती थी. जिससे वो सैनिक घोड़े की पीठ पर बैठकर अधिक प्रभावी ढंग से तीर चला पाते थे. इससे उनका संतुलन बना रहता था और वो शिकार भी कर पाते थे. 


सबसे पहला चप्पल


पैरों को सुरक्षित रखने के लिए प्राचीन समय में ही आविष्कार हुआ था. शोधकर्ताओं के मुताबिक चप्पल का आविष्कार 4,000 ईसा पूर्व में मिस्र में हुआ था. जिसके बाद ये धीरे-धीरे पूरी दुनिया के दूसरे हिस्सों तक फैला था. शोध के मुताबिक प्राचीन मिस्रवासियों ने पेड़ की छाल और लकड़ी का इस्तेमाल करके चप्पल बनाई थी. कई शोध में इस बात का जिक्र होता है कि सबसे पहले चप्पल प्राचीन मिस्रवासियों ने बनाई थी. जिसके बाद इसमें धीरे-धीरे सुधार होता चला गया है. 


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