Bihar Assembly Election: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग आज शाम 4 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करेगा. ऐसा कहा जा रहा है कि शायद आयोग चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है. इसी के साथ आचार संहिता लागू होने की भी उम्मीद है. लेकिन इसी बीच सवाल यह उठता है कि अगर आचार संहिता लागू हो जाती है तो क्या सभी काम बंद हो जाते हैं और क्या सरकार टूटी सड़कें बना सकती है या नहीं. आइए जानते हैं.

Continues below advertisement

क्या होती है आचार संहिता 

दरअसल आचार संहिता लागू होते ही राज्य सरकार और सभी राजनीतिक दलों पर नैतिक और परिचालन संबंधी प्रतिबंध लगा दिया जाता है. इसका उद्देश्य यह पक्का करना है कि सत्ता में बैठे लोगों को कोई अनुचित लाभ न मिले. हालांकि इस दौरान सभी सरकारी कार्य पूरी तरह से नहीं रुकते. 

Continues below advertisement

आचार संहिता के दौरान कार्य प्रतिबंध 

आचार संहिता के दौरान कोई भी नई परियोजना या फिर योजना की घोषणा नहीं की जा सकती. इसमें आने वाले निर्माण कार्य या फिर कोई नई पहल की आधारशिला रखना भी शामिल है. आयोग द्वारा ऐसे हर कार्य को शुरू करने पर प्रतिबंध लगाया जाता है जिसे राजनीतिक लाभ उठाने के रूप में देखा जा सकता है.

लेकिन आचार संहिता लागू होने से पहले शुरू की गई सभी परियोजनाएं जारी रह सकती हैं. जैसे यदि कोई सड़क या फिर बुनियादी ढांचा परियोजना पहले से ही शुरू हो चुकी हो तो कार्य योजना के अनुसार आगे बढ़ सकता है. आचार संहिता इन कामों की अनुमति देती है ताकि कोई भी प्रशासनिक कार्य और सार्वजनिक सेवा बाधित न हो. 

आवश्यक और मरम्मत कार्य 

सार्वजनिक सुरक्षा के लिए जरूरी मरम्मत और रखरखाव आचार संहिता के दौरान भी जारी रह सकता है. जैसे कि यदि कोई सड़क काफी ज्यादा टूटी हुई है और यात्रियों के लिए जोखिम पैदा कर रही है तो मरम्मत कार्य किया जा सकता है. हालांकि यह सभी काम चुनाव आयोग की अनुमति से ही किए जाते हैं. आयोग इस बात को सुनिश्चित करता है कि किए जाने वाले काम जरूरी हैं या फिर मतदाताओं को प्रभावित करने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं.

चुनाव आयोग की भूमिका 

सभी जरूरी मरम्मत कार्य को शुरू करने से पहले संबंधित अधिकारियों को चुनाव आयोग को सूचित करना पड़ता है और उनसे मंजूरी लेनी होती है. इससे यह सुनिश्चित होता है कि सरकार के कार्य पारदर्शी रहें और आचार संहिता का पूरी तरह से पालन किया जाए.

ये भी पढ़ें: भारत में कैसी थी सबसे पुरानी ईवीएम, जानें तब से अब तक क्या-क्या बदल गया?