Donald Trump On Third Gender: डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले ली है. राष्ट्रपति पद संभालते ही ट्रंप ने कई बड़े ऐलान कर दिए हैं. ट्रंप ने कहा है कि अब अमेरिका में सिर्फ दो ही जेंडर होंगे मेल और फीमेल. उन्होंने थर्ड जेंडर को नकार दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ लेने के बाद कहा आज से अमेरिकी सरकार की आधिकारिक नीति के तहत केवल दो जेंडर होंगे, पुरुष और महिला.

ट्रंप ने इस बारे में आगे कहा, 'हम एक ऐसा समाज बनाएंगे जो रंगभेद रहित और योग्यता पर आधारित होगा.' यानी अब अमेरिका में थर्ड जेंडर यानी ट्रांसजेंडर को आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं मिलेगी. लेकिन आपको बता दें अमेरिका ऐसा पहला देश नहीं है जहां तीसरे जेंडर को मान्यता नहीं दी जाएगी. चलिए आपको बताते हैं. दुनिया के किन देशों में थर्ड जेंडर को नहीं मिली है मान्यता. 

इन देशों में भी थर्ड जेंडर को नहीं पूरी मान्यता

अमेरिका में राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रंप ने थर्ड जेंडर को नकार दिया है. अब अमेरिका में टू जेंडर पॉलिसी ही लागू होगी. लेकिन अमेरिका ऐसा इकलौता पहला देश नहीं है जहां तीसरे जेंडर को कानूनी मान्यता नहीं दी गई है. दुनिया में फिलहाल कई ऐसे देश मौजूद हैं. जहां थर्ड जेंडर को कानूनी मान्यता नहीं दी गई है.

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इनमें बात की जाए तो यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की, थाईलैंड, ताइवान, स्विट्जरलैंड, स्वीडन, अफगानिस्तान, आयरलैंड ईरान, इंडोनेशिया, इटली, जापान, जॉर्डन, कुवैत, लेबनान और मलेशिया समेत कई और देश शामिल हैं. साल 2023 में रूस ने भी लिंग परिवर्तन पर रोक लगाते हुए कानून पास किया था. 

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भारत समेत इन देशों में मान्यता

जहां अमेरिका ने थर्ड जेंडर को नकार दिया है. वहीं भारत में थर्ड जेंडर को कानूनी मान्यता प्राप्त है. साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने थर्ड जेंडर को कानूनी मान्यता दी थी. इसके अलावा साल 2018 में जर्मनी ने भी थर्ड जेंडर को कानूनी मान्यता दी थी. अर्जेंटीना में भी थर्ड जेंडर को कानूनी मानता प्राप्त है. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, कनाडा, चिल्ली, कोस्टा रिका, डेनमार्क, आइसलैंड, मेक्सिको, नेपाल, नीदरलैंड न्यूलैंड और पाकिस्तान जैसे देशों में भी थर्ड जेंडर को कानूनी मान्यता प्राप्त है. 

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