Indian Cricket Salaries: हाल ही में हुए आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने दमदार जीत हासिल की. इस टूर्नामेंट में हमें भारतीय महिला खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला. लेकिन इसी बीच एक सवाल खड़ा होता है कि क्या हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना जैसी महिला क्रिकेटरों को विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे पुरुष क्रिकेटरों के बराबर वेतन मिलता है? आइए जानते हैं क्या है इस सवाल का जवाब.

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पुरुषों और महिलाओं के लिए समान मैच फीस 

दरअसल मैच फीस के मामले में दोनों टीमों को बराबर वेतन मिलता है लेकिन वार्षिक अनुबंधों के मामले में नहीं. वैसे तो बीसीसीआई की समान वेतन नीति ने प्रति मैच कमाई में समानता ला दी है लेकिन पुरुष और महिला टीमों के वार्षिक रिटेनरशिप अनुबंधों में अभी भी अंतर है. अक्टूबर 2022 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने समान वेतन नीति लागू करके एक ऐतिहासिक फैसला लिया था. 

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किस फॉर्मेट में कितनी फीस 

पुरुष और महिला दोनों के लिए ही टेस्ट मैच की फीस 15 लाख, वनडे मैच की फीस 6 लाख और टी20 मैच की फीस 3 लाख रुपए है. इसका सीधा सा मतलब हुआ कि जब स्मृति मंधाना या फिर हरमनप्रीत कौर वनडे मैच खेलती हैं तो उन्हें विराट कोहली या फिर रोहित शर्मा के बराबर ही 6 लाख रुपए की मैच फीस मिलती है.

एक बड़ा अंतर 

वैसे तो मैच फीस समान होती है लेकिन असली अंतर बीसीसीआई से खिलाड़ियों को मिलने वाले वार्षिक अनुबंधों में है. यह अनुबंध खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन, निरंतरता और वरिष्ठता के आधार पर वर्गीकृत करते हैं. लेकिन आपको बता दें कि पुरुष टीम के अनुबंध महिला टीम के अनुबंधों से काफी ज्यादा होते हैं. अगर 2024-25 के बीसीसीआई अनुबंध ढांचे को समझें तो दोनों टीमों के लिए अनुबंध कुछ इस प्रकार हैं. 

पुरुष टीम अनुबंध 

ग्रेड A+- 7 करोड़ (विराट कोहली, रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह शामिल)ग्रेड A- 5 करोड़ग्रेड B- 3 करोड़ग्रेड C- 1 करोड़ 

महिला टीम अनुबंध

ग्रेड A- 50 लाख (हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना, दीप्ति शर्मा शामिल)ग्रेड B- 30 लाखग्रेड C- 10 लाख

इसका सीधा सा मतलब है कि जहां एक तरफ शीर्ष पुरुष खिलाड़ी सालाना 7 करोड़ तक कमाते हैं वही एक शीर्ष महिला खिलाड़ी 50 लाख रुपए तक कमाती है.

क्या है इसके पीछे की वजह 

दरअसल यह अंतर रिवेन्यू जेनरेशन, मार्केट वैल्यू और खेल के लोकप्रियता में अंतर की वजह से है. पुरुष क्रिकेट खासतौर से भारत में महिला क्रिकेट की तुलना में काफी ज्यादा राजस्व उत्पन्न करता है. इसी के साथ पुरुष क्रिकेट मैच में दर्शकों की संख्या और स्टेडियम में भीड़ महिलाओं के मैच की तुलना में काफी ज्यादा होती है. इन सभी चीजों से विज्ञापनदाता और फ्रेंचाइजी आकर्षित होती हैं जिससे क्रिकेट बोर्ड को ज्यादा लाभ होता है.

इसी में एक और वजह है कि पुरुष टीम महिला टीम की तुलना में काफी ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच खेलती है. आईसीसी के एफटीपी के मुताबिक पुरुष टीम का मैच शेड्यूल काफी ज्यादा व्यस्त होता है जिससे राजस्व के अवसर भी ज्यादा होते हैं.

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