भारत में हर साल दिवाली को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. ये सनातन धर्म का एक एहम त्योहार है. दिवाली हर साल दशहरे के 20 या 21 दिन बाद आती है. ऐसे में इस साल ये दशहरे के ठीक 20 दिन बाद यानी 20 अक्टूबर, 2025 को आ रही है.
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हर साल दशहरे के 20 दिन बाद ही क्यों मनाई जाती है दिवाली? दरअसल इसके पीछे एक बेहद रोचक वजह है और ज्यादातर लोगों को इस बारे में नहीं पता होता है. आइए जानते हैं इस बारे में.
दशहरे के 20 दिन बाद ही क्यों मनाते हैं दिवाली?
शायद आप भी ये बात नहीं जानते होंगे कि दशहरे के 20 या 21 दिन बाद दिवाली मनाने के पीछे आखिर क्या कारण है. दरअसल, इसके पीछे एक धार्मिक मान्यता है, जिसके बारे में महर्षि वाल्मीकि ने अपनी लिखी हुई रामायण में बताया है. वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान राम ने लंकापति रावण का वद्ध कर सोने की लंका उसके छोटे भाई विभीषण को सौंप दी थी और इसके बाद प्रभु श्रीराम अयोध्या लौट आए थे. इस दौरान उन्हें वापस अयोध्या लौटने में पूरे 20 दिन का समय लग गया था. इसके बाद भगवान राम के आते ही सभी अयोध्या नगर के वासियों ने उनके स्वागत में दिए जलाए थे. उसी दिन से इस त्योहार को दिवाली के तौर पर मनाया जाने लगा और ये हर साल दशहरे के 20 या 21 दिन बाद आने लगी.
इन 20 दिनों के बारे में क्या कहता है गूगल मैप ?
दिवाली को 20 दिन बाद मनाने को लेकर अगर एनालिसिस किया जाए तो कई इंटरेस्टिंग बाते सामने आती हैं और आप इसे कई तरहों से चेक कर सकते हैं. जैसे कि प्रभु श्रीराम ने श्री लंका से भारत तक का सफर तय किया था तो ऐसे में आज का गूगल मैप दोनों लोकेशन के बीच के ट्रैवलिंग डिस्टेंस को आसानी से कैलकुलेट करके बता सकता है. इसके लिए आपको अपने फोन का गूगल मैप खोलना है. इसके बाद इसमें स्टार्ट पॉइंट में जाकर श्रीलंका सलेक्ट करना है और डेस्टिनेशन में अयोध्या, उत्तर प्रदेश सलेक्ट करना है. इसके बाद इसे सर्च करने पर आप देखेंगे कि इसके बीच की कुल दूरी 3127 किमी है. फिर जैसे ही आप वॉकिंग डिस्टेंस आइकन पर क्लिक करेंगे तो देखेंगे कि टोटल टाइम 491 घंटे शो करेगा यानी साढ़े 20 दिन. इस कारण दिवाली कभी दशहरे के 20 दिन बाद तो कभी 21 दिन बाद मनाई जाती है.
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