Burqa Ban: स्वीडन में बुर्का और नकाब पर प्रतिबंध लगाने की मांग फिर से उठ चली है. इसके बाद पूरे यूरोप में बुर्का और नकाब को लेकर एक बड़ी बहस छिड़ चुकी है. दरअसल स्वीडन की उप प्रधानमंत्री एब्बा बुश ने सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का और नकाब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इस देश को महिलाओं को सार्वजनिक स्थलों पर बुर्का और नकाब पहनने से रोकना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह एक उत्पीड़न है जिसे बिल्कुल मनना नहीं चाहिए. आइए जानते हैं कि बुर्के को लेकर यूरोप में यह बहस क्यों बढ़ रही है. 

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पूरे यूरोप में यह बहस क्यों 

बुर्का और नकाब पर प्रतिबंध लगाने की मांग पूरे यूरोप में एक नए ट्रेंड को दर्शा रही हैं. यह ट्रेंड कई वजहों से बढ़ रहा है. सुरक्षा संबंधी चिंताओं का अक्सर हवाला दिया जाता है, क्योंकि चेहरा ढकने वाले कपड़े सार्वजनिक जगहों पर पहचान को काफी ज्यादा मुश्किल बना सकते हैं. 

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इसके अलावा कई लोगों का यह तर्क है कि यह कपड़े लैंगिक असमानता और उत्पीड़न का प्रतीक है. इटली जैसे देशों में भी राजनीतिक पहल इसी तरह के अतिवाद पर रोक लगाने के कारण से की जा रही है. यहां उन नए कानूनों पर विचार किया जा रहा है जो चेहरा ढकने पर देशव्यापी प्रतिबंध लगा सकते हैं.

स्वीडन में बुर्का प्रतिबंध प्रस्ताव के पीछे की वजह 

दरअसल बुश ने यह तर्क दिया है कि बुर्का और नकाब स्वीडिश समाज के साथ मिलकर नहीं चल सकता क्योंकि यह एकीकरण में बाधा डालता है. इसी के साथ यह है एकजुटता के बजाय सामाजिक विभाजन पैदा करता है. 

इन देशों में पहले से ही प्रतिबंध 

कई यूरोपीय और गैर यूरोपीय देशों ने पहले से ही सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकने वाले कपड़ों पर आंशिक या पूर्ण प्रतिबंध लगाया हुआ है. 2011 में फ्रांस बुर्के पर पूर्ण सार्वजनिक प्रतिबंध लगाने वाला पहला यूरोपीय देश बना था और उसके बाद उसी साल बेल्जियम ने भी ऐसा ही किया. ऑस्ट्रिया ने 2017 में प्रतिबंध लगाया और डेनमार्क ने 2018 में. इसी के साथ अगर स्विट्जरलैंड की बात करें तो इस देश ने 2021 के जनमत संग्रह के बाद 2025 में राष्ट्रीय प्रतिबंध को मंजूरी दे दी थी.

इसी के साथ नीदरलैंड ने भी स्कूलों और सार्वजनिक परिवहन जैसी खास सार्वजनिक जगहों पर प्रतिबंध लागू किए हैं. वहीं अब इटली भी संभावित राष्ट्रीय प्रतिबंध की तैयारी करते हुए कुछ जगहों पर आंशिक प्रतिबंध लागू कर रहा है. 2019 के ईस्टर हमलों के बाद श्रीलंका ने राष्ट्रीय सुरक्षा के कारण सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकने पर प्रतिबंध लगा दिया था. साथ ही चीन के शिंजियांग क्षेत्र में सार्वजनिक स्थलों पर बुर्का पहनने पर प्रतिबंध है और स्पेन के कैटालोनिया जैसी कुछ जगहों पर भी प्रतिबंध है.

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