दिल्ली के लाल किले के पास हुए 10 नवंबर की शाम हुए कार बम धमाके ने पूरे देश को हिला दिया है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस मार्ग के एक ट्रैफिक सिग्नल पर खड़ी i20 कार में बहुत तेज धमाका हुआ. लाल किले के पास रेड लाइट पर यह विस्फोट हुआ और आसपास के कम से कम छह वाहन इसकी आग और धमाके की चपेट में आ गए. इस धमाके में अब तक नौ लोगों की मौत और 20 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं.

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रिपोर्टों के अनुसार, शुरुआती जांच में यही संकेत मिले कि जिस कार में विस्फोट हुआ, वह कार और उसमें बैठा व्यक्ति एक तरह से आत्मघाती तरीके से विस्फोट का कारण बना और इसलिए इसे फिदायीन हमला कहा जा रहा है. ऐसे पैटर्न को फिदायीन हमले से जोड़ा जा रहा है क्योंकि हमला मकसद पूर्ण और आत्मघाती प्रतीत होता है. ऐसे में फिदायीन हमला शब्द बार-बार सुनाई दे रहा है. लोग इसके बारे में जानना चाह रहे हैं. तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि फिदायीन हमला क्या होता है और इसे अंजाम कैसे दिया जाता है. 

फिदायीन हमले का मतलब क्या है?

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फिदायीन अरबी शब्द है. इसका अर्थ अपनी जान कुर्बान करने वाला है. फिदायीन हमला वह हमला होता है जिसमें हमला करने वाला जानबूझकर अपनी जान दे देता है ताकि ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंच सके या कोई खास निशाना मार सके. वहीं दूसरे शब्दों में, यह आत्मघाती हमला होता है जहां हमलावर अपनी मृत्यु की परवाह नहीं करता है. 

इसे अंजाम कैसे दिया जाता है?

फिदायीन हमले को अंजाम देने के लिए हमला करने वाला व्यक्ति खुद विस्फोटक लेकर किसी भी स्थान पर जाता है. कभी-कभी वाहन का यूज किया जाता है यानी हमलावर किसी कार या वैन में विस्फोटक लेकर लक्षित जगह पर पहुंचता है. कुछ घटनाओं में हमलावर ने किसी संरक्षित या बड़ी जगह को निशाना बनाया होता है, ताकि नुकसान से बहुत बड़ा असर पड़े. अक्सर हमले से पहले ठिकानों पर चुपचाप पैठ बनाई जाती है. जैसे वाहन खरीदना, पार्किंग में छुपाना या किसी इमारत के पास जमा रहना ताकि समय पर हमला किया जा सके. फिदायीन हमला करने वाला अगर लक्ष्य के बहुत पास पहुंच जाए तो सुरक्षा बलों के लिए उसे रोकना बहुत मुश्किल हो जाता है. ये हमले अक्सर रणनीतिक या बड़ी स्थानों पर किए जाते हैं. जिससे ज्यादा मीडिया कवरेज और डर फैलता है. 

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