Delhi Pollution: दिल्ली और एनसीआर में रहने वाले लाखों लोगों के लिए बारिश राहत बनकर आई है, प्रदूषण की मार झेल रहे लोगों को अब कुछ दिन साफ हवा में सांस लेने का मौका मिलेगा. प्रदूषण के चलते दिल्ली की हवा बेहद जहरीली हो गई थी. जिसके बाद बारिश ही एक ऐसा रास्ता था, जो इस खतरनाक पॉल्यूशन को कम कर सकता था. सरकार ने क्लाउड फीडिंग के जरिए नकली बारिश कराने की तैयारी भी कर ली थी, लेकिन उससे पहले ही असली बारिश ने सभी को खुश कर दिया. आज हम आपको बताएंगे कि दिल्ली में नकली बारिश कराने पर कितने रुपये खर्च होने वाले थे. 


दिल्ली में कृत्रिम बारिश की थी तैयारी
दरअसल दिल्ली में हालात कुछ इस कदर बिगड़ रहे थे कि किसी को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था. सरकार किसी भी तरह से प्रदूषण को कम नहीं कर पा रही थी. जिसके बाद आखिरकार कृत्रिम बारिश कराने का फैसला लिया गया. दिल्ली सरकार ने बताया कि वो इसका पूरा खर्च खुद उठाने के लिए तैयार है. हालांकि इसके लिए तमाम मंजूरियों का इंतजार किया जा रहा था. दिल्ली में पहली बार ऐसी बारिश कराने की बात हुई, जिसमें प्लेन के जरिए बादलों की सीडिंग होती है और उसके बाद झमाझम बादल बरसते हैं. बारिश से प्रदूषण का स्तर कम हो जाता है और हवा में उड़ रहे तमाम धूल के कण जमीन पर बैठ जाते हैं.


इतने करोड़ होने थे खर्च
दिल्ली में कराई जाने वाली नकली बारिश में होने वाले खर्चे की बात करें तो इसमें करीब 13 करोड़ रुपये तक खर्च हो सकते थे. दिल्ली सरकार आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही थी. जिसके बाद 20 नवंबर तक ये बारिश कराने की तैयारी चल रही थी. हालांकि अब कुदरती बारिश ने प्रदूषण का स्तर कम कर दिया है और लोगों के साथ-साथ दिल्ली सरकार को भी राहत देने का काम किया है. अब कम ही उम्मीद है कि दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराई जाए. 



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