Delhi Election Result: दिल्ली विधानसभा चुनाव की तस्वीर धीरे-धीरे साफ हो रही है. जैसे-जैसे मतगणना आगे बढ़ रही है, बीजेपी की स्थिति और मजबूत होती जा रही है और आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगता दिख रहा है. चुनाव आयोग की ओर से जारी रुझानों में भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक के नतीजों में बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है. चुनाव के अंतिम नतीजे दिन खत्म होने के साथ साफ हो जाएंगे. 

आपने किसी भी चुनाव में उम्मीदवारों की जीत और हार के बारे में तो सुना ही होगा. अब सवाल यह है कि यह कैसे तय होता है कि कोई कैंडिडेट चुनाव जीत चुका है. क्या इसके लिए चुनाव आयोग की तरफ से कोई सर्टिफिकेट दिया जाता है? या सिर्फ उम्मीदवार को जीता घोषित कर दिया जाता है? चुनाव आयोग की इसको लेकर प्रक्रिया क्या है, चलिए जानते हैं... 

एक-एक राउंड की होती है गिनती

दिल्ली विधानसभा चुनाव की तरह हर चुनाव में मतों की गिनती राउंड वाइज होती है. यानी 14 ईवीएम की गिनती पूरी होने के बाद एक राउंड पूरा हो जाता है. ऐसे विधानसभा चुनाव में अलग-अलग राउंड होते हैं. हर राउंड की गिनती के बाद आंकड़े चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपडेट किए जाते हैं, जिससे काउंटिंग में पारदर्शिता बनी रहे. जब सभी राउंड की गिनती पूरी हो जाती है, तो उम्मीदवार को जीता घोषित कर दिया जाता है. 

क्या मिलता है कोई सर्टिफिकेट

विधानसभा चुनाव में हर चुनाव क्षेत्र में रिटर्निंग ऑफिसर (RO) की नियुक्ति की जाती है. इन अधिकारियों पर मतदान से लेकर मतगणना तक की पूरी जिम्मेदारी होती है. हर राउंड की गिनती के बाद आंकड़ों की जानकारी रिटर्निंग ऑफिसर को दी जाती है. जब सभी राउंड की गिनती पूरी हो जाती है, तब रिटर्निंग ऑफिसर चुनाव में विजेता प्रत्याशी की घोषणा करते हैं. इसके बाद जीते प्रत्याशी को रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से सर्टिफिकेट ऑफ इलेक्शन यान निर्वाचन प्रमाण पत्र दिया जाता है. यही प्रमाणपत्र चुनाव में जीत का प्रमाण होता है. 

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