दिल्ली की हवा एक बार फिर गंभीर हालत में पहुंच चुकी है. ठंड बढ़ते ही स्मॉग और प्रदूषण ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. हालात ऐसे हो गए हैं कि सरकार और अदालत दोनों को सख्त कदम उठाने पड़े. इसी बीच BS6, BS5 और BS4 जैसे शब्द अचानक आम लोगों की बातचीत का हिस्सा बन गए. कई लोगों के मन में सवाल है कि आखिर यह बीएस स्टैंडर्ड क्या होते हैं और इनका उनकी गाड़ियों से क्या कनेक्शन है. खासतौर पर तब जब दिल्ली में कुछ गाड़ियों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है. चलिए तो आज हम आपको बताते हैं कि BS6, BS5 और BS4 गाड़ियों में क्या अंतर है और कौन ज्यादा प्रदूषण फैलता है. क्या होता है बीएस स्टैंडर्ड? बीएस यानी भारत स्टेज उत्सर्जन मानक. यह ऐसे नियम होते हैं जो तय करते हैं कि कोई वाहन हवा में कितना प्रदूषण फैल सकता है. इन नियमों को इसलिए लागू किया गया ताकि गाड़ियों से निकलने वाले जहरीले धुंए पर नियंत्रण रखा जा सके. जैसे-जैसे प्रदूषण बढ़ता है, वैसे-वैसे इन मानकों को और सख्त किया जाता रहा है. BS6, BS5 और BS4 में क्या है अंतर? BS4 क्या है? BS4 यानी भारत स्टेज-4 मानक साल 2017 में पूरे देश में लागू हुआ था. इस स्टेज की गाड़ियां BS3 के मुकाबले कम प्रदूषण करती है, लेकिन आज के हालात में इन्हें ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाला माना जाता है. वहीं दिल्ली जैसे शहरों में BS4 गाड़ियों पर सबसे पहले रोक लगती है. BS5 क्या है? भारत में BS5 लागू नहीं हुआ है. सरकार ने BS4 से सीधे BS6 लागू किया है, जबकि BS5 यूरो-5 मानक के बराबर होता है. प्रदूषण कम करने के लिए समय बचाने की वजह से इसे स्किप किया गया है. इसलिए अगर कोई BS5 गाड़ी की बात करता है तो वह भारत में मान्य स्टैंडर्ड नहीं है. BS6 क्या है? BS6 यानी भारत स्टेज-6 भारत का सबसे नया और सबसे सख्त उत्सर्जन मानक है, जो 1 अप्रैल 2020 से लागू हुआ है. वहीं BS6 गाड़ियों में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. इनमें डीजल, पार्टिकुलेट फिल्टर, सिलेक्टिव कैटेलिटिक रिडक्शन और ऑन बोर्ड डायग्नोस्टिक जैसे सिस्टम लगाए जाते हैं. यह सिस्टम लगातार यह जांचते रहते हैं कि गाड़ी कितना प्रदूषण कर रही है और जरूरत पड़ने पर उसे कंट्रोल करते हैं. दिल्ली में किन गाड़ियों पर लगी रोक? दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने BS6 से कम मानक वाली गाड़ियों पर सख्ती की है. बाहर से आने वाली BS3 और BS4 गाड़ियों की दिल्ली में एंट्री पर रोक लगा दी गई है. हालांकि दिल्ली में पहले से रजिस्टर्ड कुछ वाहनों और जरूरी सेवाओं से जुड़े वाहनों को राहत दी गई है. गाड़ियों पर रोक को लेकर सरकार का मकसद है कि कम से कम प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों को ही सड़कों पर चलने दें.
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