आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने संविधान की प्रस्तावना से समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्द हटाने की मांग पर विचार करने के लिए कहा है. इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर उन्होंने संविधान की प्रस्तावना को लेकर सवाल किए हैं, जो कि इस  वक्त बहस का मुद्दा बना हुआ है. उनके इस बयान के बाद से तो राजनीतिक गलियारों में हंगामा मचा हुआ है. इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरएसएस और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है.  दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि दो शब्द जोड़े गए हैं सेक्युलिरज्म और सोशलिज्म, तो क्या वो रहना चाहिए? चलिए इसी बीच जान लेते हैं कि आखिर भारतीय संविधान में कितनी बाद संशोधन हुआ है.

क्यों हो रही है बहस

इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर दत्तात्रेय होसबोले ने संविधान के 42वें संशोधन पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना था कि जिस संविधान की प्रस्तावना को बाबा साहेब अंबेडकर ने लिखा था, उसको इंदिरा सरकार ने बदल लिया था. भारतीय संविधान में 1976 में समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष जैसे शब्द जोड़े गए हैं. चलिए अब संविधान के संशोधन की बात कर लेते हैं. इस साल 26 जनवरी 2025 को भारत के संविधान को 75 साल पूरे हो चुके हैं. इन 75 सालों में संविधान में बहुत सारे संशोधन किए गए है. 

सबसे ज्यादा भारतीय संविधान की उम्र

भारतीय संविधान की बहुत अहमियत है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो की एक स्टडी में 1789 के बाद से अलग-अलग देशों के लागू हुए करीब 200 से संविधान की स्टडी की गई थी. इनमें से ज्यादातर देशों के संविधान की उम्र करीब 17 साल के आसपास थी, लेकिन भारत के संविधान को 75 साल हो चुके हैं और आज भी इसके अनुसार नियम कानून लागू किए जाते हैं. 

संविधान में अब तक कितने संशोधन हुए

भारतीय संविधान के 75 सालों के इतिहास में इसमें अब तक करीब 106 बार संशोधन किए जा चुके हैं. इसमें पहला संशोधन 18 जून 1951 को किया गया था, वहीं आखिरी संशोधन 106वां था, जो कि 28 सितंबर 2023 को किया गया था. इसमें लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं की अनिवार्य सदस्यता के तौर पर एक तिहाई करने का प्राधवान शामिल था.   

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