भारत की नागरिकता लेने से पहले वोटर लिस्ट में नाम को लेकर सोनिया गांधी एक बार फिर कानूनी पचड़े में फंस गई हैं. इस मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया गांधी को नोटिस जारी किया है. ऐसे में जानते हैं कि कोई व्यक्ति भारत की नागरिकता कैसे ले सकता है और इसके लिए क्या नियम हैं? भारत दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में से एक है जिसकी अर्थव्यवस्था दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. आंकड़ों के अनुसार 2030 तक भारत की अर्थव्यवस्था 7.3 ट्रिलियन डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के साथ तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रही है.
भारत दुनिया की सबसे बड़ी मार्केट बनकर भी उभरा है. इसी कारण कई लोग भारत में रहकर काम करने, पढ़ने, शादी करने या लंबे समय तक बसे रहने के बाद भारतीय नागरिक बनना चाहते हैं. भारतीय नागरिकता लेने की प्रक्रिया कुछ नियमों और कानूनी शर्तों पर आधारित होती है, जिसे भारत सरकार के गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा तय किया जाता है.
भारतीय नागरिकता के लिए कहां और कैसे कर सकते हैं अप्लाई?
भारतीय नागरिकता के लिए आपको गृह मंत्रालय (MHA) की आधिकारिक वेबसाइट indiancitizenshiponline.nic.in पर जाना होगा, जहाँ आप पंजीकरण (Registration) करवा सकते हैं.
जन्म के आधार पर नागरिकता
अगर कोई व्यक्ति भारत में 1950 से 1987 के बीच पैदा हुआ है तो वह जन्म से भारतीय नागरिक माना जाता है. 1987 के बाद नियम सख्त हैं. माता या पिता में से एक भारतीय होना आवश्यक है.
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वंश के आधार पर नागरिकता
अगर व्यक्ति भारत के बाहर पैदा हुआ है लेकिन उसके माता-पिता भारतीय हैं, तो वह वंश के आधार पर नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है. इसके लिए जन्म का पंजीकरण भारतीय दूतावास में होना जरूरी है.
पंजीकरण के माध्यम से नागरिकता
- विदेशी नागरिक भारत में कुछ परिस्थितियों में नागरिकता ले सकते हैं, जैसे:
- लंबे समय से भारत में रहना
- भारतीय नागरिक से शादी होना
- ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड धारक होना
- माता-पिता भारतीय होना
CAA के तहत नागरिकता
अगर आप भारत के पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक हैं, जिनमें हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, पारसी और बौद्ध धर्म शामिल हैं, तो CAA यानी सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट के तहत आपको सिर्फ 5 साल भारत में निवास करने पर ही नागरिकता मिल सकती है.
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