भारत में पिछले कुछ सालों में डीजल और पेट्रोल के दामों में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है. इसी का नतीजा है कि वर्ष 2025 में सीएनजी कारों की बिक्री डीजल कारों से ज्यादा हो रही है. देश में कार खरीददार ईंधन की ऊंची कीमतों और बाजार में बढ़ते ऑप्शन के बीच सीएनजी से चलने वाले वाहनों तो तेजी से खरीद रहे हैं. सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स के डेटा की मानें तो इसी टाइम में पेट्रोल कारों की हिस्सेदारी 76.3% से तेजी से गिरकर 57.7% हो गई, जो इस स्पष्ट बदलाव को दिखाती है. जबकि इसी टाइम में डीजल कारों की बिक्री लगभग 17-19% पर स्थिर रही है.
अब तक कितनी बढ़ोतरी हुई
करंट फाइनेंशियल ईयर में पहली बार एक मिलियन से ज्यादा सीएनजी कारें जैसे कि सेडान और एसयूवी बिकने की उम्मीद है. इनकी बिक्री में 20% की बढ़ोतरी देखी गई है, यानि कि 8,39,000 कारें बिकीं हैं. वित्त वर्ष 2026 में बिक्री 1-2% फिर से बढ़ने की संभावना है. वित्त वर्ष 2025 में 7,87,724 सीएनजी कारें बेची गईं, जबकि डीजल कारों की बिक्री 7,36,508 रही है. वित्त वर्ष 2025 में सीएनजी कारों की बिक्री पिछले साल के मुकाबले 35% बढ़ी है, जबकि डीजल कारों में 5% की बढ़ोतरी और ईवी व हाइब्रिड कारों की बिक्री में 15% बढ़ोतरी हुई है. इसी आंकड़े के मद्देनजर पिछले चार महीने में कई कंपनियों ने सीएनजी मॉडल लॉन्च किए हैं.
सीएनजी स्टेशनों की बढोतरी
देश में सीएनजी फिलिंग स्टेशन की बात करें तो 2016 तक 1081 सीएनजी फिलिंग स्टेशन खुले थे. ऐसे में सीएनजी की बढ़ती खरीद और री-फिलिंग की समस्या को दूर करने के लिए और भी सीएनजी स्टेशन का खुलना जरूरी था. ऐसे में पिछले वित्त वर्ष के अंत तक 7400 से ज्यादा फिलिंग स्टेशन खोले जा चुके हैं. फाइनेंशियल ईयर 2016 से 2025 तक सीएनजी फिलिंग स्टेशन की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट 24 फीसदी तक हो गई है.
भारत में क्यों बढ़ रहीं सीएनजी कारें
सीएनजी कारें उन लोगों के लिए बेहतर विकल्प मानी जाती हैं, जो कि ज्यादा माइलेज के साथ-साथ कम मेंटेनेंस कॉस्ट और कम प्रदूषण वाली किफायती कारें चाहते हैं. जैसे-जैसे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा हो रहा है तो सरकार सीएनजी को बढ़ावा दे रही है. ऐसे में उम्मीद है कि आने वाले साल में सीएनजी कारों की बिक्री में फिर बढ़ावा होगा.
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