CNG or EV Pollution Comparison: सड़कों पर करोड़ों की संख्या में रोजाना गाड़ियां दौड़ती हुई नजर आती हैं. इनमें से ज्यादातर गाड़ियां पेट्रोल और डीजल पर चलने वाली होती हैं. इन गाड़ियों से काफी प्रदूषण होता है. और यही वजह है कि दिल्ली में जब सर्दियों का मौसम आता है और धूप का प्रभाव कम हो जाता है. तो पॉल्यूशन को रोकने के लिए सरकार को ऑड-ईवन लागू करना होता है. लेकिन यह नियम इलेक्ट्रिक गाड़ियों यानी ईवी और सीएनजी गाड़ियों पर लागू नहीं होता.
लेकिन ऐसा नहीं है कि इन गाड़ियों से प्रदूषण नहीं होता है. होता है. लेकिन पेट्रोल डीजल की तुलना में देखा जाए तो यह काफी कम होता है. अगर आप नई गाड़ी खरीदने की सोच रहे हैं और यह जानना चाह रहे हैं कि इलेक्ट्रिक या फिर सीएनजी में कौन सी गाड़ी कम प्रदूषण करती है. तो चलिए आपको बताते हैं दोनों के बारे में जानकारी.
इलेक्ट्रिक व्हीकल प्रदूषण करते हैं?
इलेक्ट्रिक व्हीकल को सामान्य तौर पर पर्यावरण के अनुकूल बताया जाता है. इलेक्ट्रिक वाहन चलते वक्त धुंआ भी नहीं छोड़ता. ऐसे में बहुत से लोगों को मानना होता है कि इलेक्ट्रिक वाहन बिल्कुल भी प्रदूषण नहीं करते हैं. लेकिन यह पूरी सच्चाई नहीं है. आपको बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहन की जो बैटरी बनाई जाती है उसमें लिथियम कोबाल्ट और निकल जैसे मिनरल्स इस्तेमाल किए जाते हैं. इन मिनरल्स की माइनिंग से वातावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ता है.
लेकिन अगर रोड पर चलने की बात की जाए तो फिर इलेक्ट्रिक व्हीकल में टेल पाइप एमिशन नहीं होता. यानी ना धुंआ निकलता है ना ही कार्बन डाइऑक्साइड ना नाइट्रोजन ऑक्साइड और ना ही पार्टिकुलेट मैटर जैसे हानिकारक पार्टिकल्स.
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सीएनजी वाहन कितना प्रदूषण करते हैं ?
सीएनजी वाहन की बात की जाए तो फिर आपको बता दें कि ये पेट्रोल डीजल की तुलना में काफी कम प्रदूषण करते हैं. इनमें कार्बन मोनोऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर होते हैं. लेकिन ये काफी कम मात्रा में होते हैं. हालांकि सीएनजी भी पूरी तरह से ग्रीन नहीं होती है. इसके इस्तेमाल से CO2 गैस निकलती है.
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कौन करता है ज्यादा प्रदूषण?
आपको बता दें दोनों के बारे में प्रदूषण को लेकर हमने आपको कंपेयर करके बताया. लेकिन कई स्टडीज में यह पाया गया है कि सीएनजी कारें फिलहाल ईवी वाहनों के मुकाबले कम प्रदूषण फैलाती हैं. जो कि एक चौंकाने वाला तथ्य है. क्योंकि सामान्य तौर पर लोगों को लगता है कि ईवी की बजाए सीएनजी गाड़ियां ज्यादा प्रदूषण करती हैं. लेकिन तुलनात्मक स्तर पर देखा जाए तो प्रदूषण फैलाने के स्तर में 19-20 का फर्क कह सकते हैं.
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