दुनिया भर में वायु प्रदूषण एक गंभीर मुद्दा बन चुका है, जिसने लगभग हर देश को अपनी चपेट में ले लिया है. भारत की स्थिति भी वायु प्रदूषण में गंभीर है. सफेद धुंध की जहरीली चादर पूरे वातावरण में फैली हुई है. लेकिन आज के समय में भी कुछ देश ऐसे हैं जिन्होंने अपने शहरों की साफ-सफाई और पर्यावरण को बचाने के लिए हर मुमकिन कदम उठाए हैं. इन शहरों ने अत्याधुनिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम, हरित ऊर्जा, सख्त पर्यावरण कानून और जागरूक नागरिकों की भागीदारी की मदद से साफ वातावरण बनाया है, पेड़ों की कटाई को रोका है और अपने जंगलों की भूमि को भी संरक्षित किया है.
आपको एक बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिए कि स्वच्छ शहर वे नहीं होते जिनमें प्रदूषण या AQI कम होता है, बल्कि वे होते हैं जो प्रदूषण के मुद्दों के साथ-साथ अपने पर्यावरण के संरक्षण और आम लोगों की जिंदगी में भी सुधार करते हैं. दुनिया में ऐसे कई देश हैं जिनके शहरों को स्वच्छता रैंकिंग में अव्वल दर्जे का माना जाता है.
दुनिया में सबसे स्वच्छ शहर
कोपेनहेगन (डेनमार्क) – दुनिया का सबसे स्वच्छ शहर
कोपेनहेगन, डेनमार्क की राजधानी और उसके सबसे बड़े शहरों में से एक है. कोपेनहेगन को दुनिया के सबसे स्वच्छ शहरों में गिना जाता है, जहां प्रदूषण सबसे कम है और निवासियों की रोजमर्रा की जिंदगी आसान है. इसे दुनिया के सबसे साफ और पर्यावरण-अनुकूल शहरों में सबसे पहले नंबर पर गिना जाता है. इस शहर की जनसंख्या लगभग 19 मिलियन है और सबसे चौंकाने या गर्व करने की बात यह है कि इस शहर में अधिकतर लोग गाड़ियों और मोटरसाइकिलों की जगह अपनी साइकिलों का इस्तेमाल करते हैं या पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे बस, ट्रेन आदि का उपयोग करते हैं. शहर में लगभग 62% लोग रोज साइकिल चलाकर अपने ऑफिस, स्कूल या काम पर जाते हैं, जिससे सड़कों पर ट्रैफिक कम होता है और साइकिलों का इस्तेमाल ज्यादा करने की वजह से प्रदूषण भी न के बराबर होता है और लोगों का स्वास्थ्य भी सही रहता है.
इसके अलावा, कोपेनहेगन स्वच्छ ऊर्जा (clean energy) बनाने में भी सबसे आगे है. यहां होल्मेन नाम की एक बड़ी परियोजना चल रही है जिसमें पवन चक्की (wind turbine) और कचरे से बिजली बनाने वाली मशीनों के जरिए हर साल बहुत बड़ी मात्रा में बिजली पैदा की जाती है. इससे शहर को बिजली भी मिलती है और पर्यावरण को नुकसान भी नहीं होता. यह शहर इतना सब इसलिए कर पाया क्योंकि यहां के नागरिकों ने अपने शहर को प्रदूषण मुक्त और दुनिया का सबसे स्वच्छ शहर बनाने के लिए पर्यावरण और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी मिलकर निभाई.
सिंगापुर
सिंगापुर एक छोटा देश है, लेकिन विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्तियों में से एक है. इतनी ज्यादा आर्थिक उन्नति के बाद भी इस देश ने अपने पर्यावरण, शहरों की स्वच्छता और नागरिकों के जीवन स्तर को हमेशा अच्छा बनाए रखा है. इस देश ने स्वच्छता को बनाए रखने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जिनमें सबसे पहला कदम है कि अपने शहरों के घरेलू कचरे को जला दिया जाता है, और उस कचरे की राख का उपयोग Semakau Landfill नामक एक कृत्रिम द्वीप बनाने के लिए किया जाता है.
दूसरा, कचरा यहां फेंकने पर बहुत बड़ा दंड या जुर्माना वसूला जाता है, जिसके डर से लोग कूड़ा इधर-उधर नहीं फेंकते. सिंगापुर में च्युइंगम चबाना गैरकानूनी माना जाता है और पकड़े जाने पर भारी जुर्माना वसूला जाता है. 1968 में सिंगापुर में Keep Singapore Clean नाम का अभियान चलाया गया था, जिसने देश को स्वच्छ बनाने और लोगों को स्वच्छता एवं पर्यावरण के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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हेलसिंकी (फ़िनलैंड)
हेलसिंकी, फ़िनलैंड की राजधानी है और उसके सबसे बड़े और महत्वपूर्ण शहरों में से एक है. इस शहर ने लगातार स्वच्छ शहरों की रैंकिंग में अपना स्थान बनाए रखा है. इस शहर ने कचरे को रीसायकल करने पर अपना ध्यान केंद्रित किया, जिससे कचरा समुद्र या सड़कों पर कम से कम जाए. इस शहर को 2014 में "Design City" के रूप में मान्यता दी गई. शहर की वास्तुकला और डिज़ाइन इसकी पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
वेलिंगटन (न्यूज़ीलैंड)
वेलिंगटन, न्यूज़ीलैंड की राजधानी है. इसे अक्सर "Windy Wellington" भी कहा जाता है क्योंकि इस शहर में बहुत तेज हवाएं चलती हैं. यह अपनी हरियाली और कम प्रदूषण के लिए जाना जाता है. 2021 की एक रिपोर्ट में Economist Intelligence Unit ने वेलिंगटन को पर्यावरणीय सुरक्षा के लिए दुनिया भर के शहरों में पहला स्थान दिया था. वेलिंगटन शहर कुक जलडमरू के पास स्थित है जहां बहुत तेज हवाएं चलती हैं. इन्हीं तेज हवाओं की वजह से यहां वायु प्रदूषण बहुत कम है.
ज्यूरिख (स्विट्जरलैंड)
ज़्यूरिख स्विट्जरलैंड के सबसे प्रमुख और व्यवस्थित शहरों में से एक है. ज़्यूरिख दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय केंद्रों में से एक है. यहां कई अंतरराष्ट्रीय बैंकों के मुख्यालय हैं. ज़्यूरिख अपने कचरा प्रबंधन के लिए जाना जाता है क्योंकि इस शहर का 90 प्रतिशत से अधिक कचरा रीसायकल या फिर उपयोग में लिया जाता है. इस शहर का पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे ट्राम, बस आदि, इसे स्वच्छ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.