भारत में इन दिनों नागरिकता साबित करने के लिए कौन-कौन से दस्तावेज ज़रूरी हैं. इसे लेकर लोगों में कई सवाल हैं. बिहार चुनाव में वोटर लिस्ट रिवीजन के दौरान कई लोग आधार कार्ड को नागरिकता का प्रमाण मानकर पेश कर रहे हैं. जबकि आधार सिर्फ पहचान का दस्तावेज है नागरिकता का नहीं. भारत में नागरिकता साबित करने के लिए आमतौर पर वोटर आईडी, पासपोर्ट, जन्म प्रमाणपत्र या माता-पिता की नागरिकता से जुड़े दस्तावेज माने जाते हैं.
कई लोगों के मन में यह सवाल भी आता है कि पाकिस्तान में नागरिकता कैसे साबित की जाती है. वहां की पुलिस और प्रशासन किन कागज़ों को मान्यता देता है. चलिए जानते हैं कि पाकिस्तान में नागरिकता साबित करने के लिए कौनसे दस्तावेज अहम माने जाते हैं.
कौनसा डाॅक्यूमेंट सबसे जरूरी?
पाकिस्तान में नागरिकता के सबूत के लिए समान्य तौर पर एक ही दस्तावेज काफी होता है. वह दस्तावेज है कंप्यूटराइज नेशनल आइडेंटिटी कार्ड यानी CNIC . पाकिस्तान में 18 साल से ऊपर हर एक नागरिक के पास यह दस्तावेज होना जरूरी है. इसे पाकिस्तान की नेशनल डाटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी की ओर से जारी करता है. पाकिस्तान में यही नागरिकता का सबसे बड़ा सबूत माना जाता है.
यह भी पढ़ें: राजीव गांधी की SPG सुरक्षा क्यों हटाई गई थी? जानें आखिरी वक्त क्या हुआ था
पाकिस्तान में अगर चेकिंग होती है. तो नागरिकता साबित करने के लिए लोगों से पुलिस की ओर से CNIC दस्तावेज मांगा जाता है. इतना ही नहीं पाकिस्तान में बहुत से जरूरी कामों के लिए भी इस दस्तावेज की जरूरत पड़ जाती है. पाकिस्तान में कई अफगान और बांग्लादेश से आए रिफ्यूजी रह रहे हैं. जिन्हें CNIC कार्ड ना होने के चलते परेशानी का सामना करना पड़ता है.
कैसे कोई ले सकता है पाकिस्तान की नागरिकता?
अक्सर कई लोगों के मन में यह सवाल भी आता है कि पाकिस्तान की नागरिकता कैसे ली जा सकती है. तो आपको बता दें इसके लिए अप्लाई करने वाले शख्स को कुछ ज़रूरी शर्तें पूरी करनी होती हैं. जैसे कि वह पाकिस्तान में लगातार कुछ सालों तक कानूनी रूप से रह रहा हो. उसकी पुलिस वेरिफिकेशन क्लियर हो और उसके खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड न हो.
यह भी पढ़ें: ये था दुनिया का सबसे खतरनाक खिलौना, पूरी दुनिया में मच गया था हाहाकार
इसके अलावा शादी के आधार पर भी नागरिकता ली जा सकती है. हालांकि इसमें साबित करना होगा कि शादी असली है और कम से कम दो साल से कायम है. इसके अलावा कुछ मामलों में पाकिस्तान की सरकार स्पेशल केस में नागरिकता दे सकती है. लेकिन आवेदन स्वीकार होने के बाद आखिरी फैसला पाकिस्तान के इंटीरियर मिनिस्ट्री की ओर से होता है.
यह भी पढ़ें: बाथरूम में लोगों को सुरीली क्यों लगती है अपनी आवाज, आज जान लीजिए जवाब