House on Moon: भारत ने हाल ही में चंद्रयान-3 मिशन को सफलतापूर्वक चांद पर भेजा था. उसकी लैंडिंग के बाद से दुनिया भर में स्पेस में जाने और वहां स्थाई ठिकाना तैयार करने की रेस में कई देश आगे आते देखे जा रहे हैं. चीनी शोधकर्ता चंद्र लावा ट्यूबों के भीतर चंद्रमा पर लंबे समय के लिए सुरक्षित और स्थिर ठिकाना बनाने की संभावना तलाश रहे हैं. ये खोखली पाइप के आकार की सुरंगें अरबों साल पहले बनी थी, जब पिघली हुई चट्टानें लावा की कठोर ऊपरी परत के नीचे बहती थी. समय के साथ भूवैज्ञानिक गतिविधियों, प्रभाव की घटनाओं और चंद्रमा के झटकों के कारण इनमें से कुछ नलिकाएं ढह गईं, जिससे रोशनदान बन गए जो चंद्रमा की भूमिगत दुनिया के एंट्री प्वाइंट हैं.


इस रिपोर्ट में हुआ खुलासा


सीजीटीएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एडवांस स्पेस टेक्नोलॉजी पर 10वें सीएसए-आईएए सम्मेलन में शंघाई एकेडमी ऑफ स्पेसफ्लाइट टेक्नोलॉजी के झांग चोंगफेंग द्वारा एक स्टडी पेश की गई. झांग जो चीन के शेनझोउ एडिशन के स्पेस यान और चंद्र लैंडर्स के उप चीफ डिजाइनर भी हैं, उन्होंने बताया कि ये लावा ट्यूब अत्यधिक तापमान, रेडिएशन और माइक्रोमीटराइट प्रभावों के साथ मजबूत चंद्रमा के सतह को सुरक्षा प्रदान करते हैं.


झांग और उनकी टीम ने चीन के ग्रह जियोलॉजी विशेषज्ञों के साथ चंद्र लावा ट्यूबों की अपनी समझ को बढ़ाने के लिए चीन में कई लावा गुफाओं पर फील्डवर्क किया है. उन्हें पृथ्वी और चंद्रमा की लावा ट्यूबों के बीच समानताएं मिलीं, जिन्हें ऊर्ध्वाधर एंट्री ट्यूबों और ढलान एंट्री ट्यूबों में क्लासिफाइड किया जा सकता है. चीनी रिसर्चर्स ने मारे ट्रैंक्विलिटैटिस और मारे फेकुंडिटैटिस में चंद्र लावा ट्यूबों को प्राइमरी एक्सप्लोरेशन टार्गेट के रूप में चुना है. मुख्य जांच जटिल इलाकों में नेविगेट करने और रिले कम्यूनिकेशन और ऊर्जा समर्थन के लिए इस्तेमाल होने वाले डिटेक्टरों को ले जाने के लिए एक रोबोटिक मोबाइल सिस्टम का उपयोग करेगी.


तीस का है टार्गेट


यह लावा ट्यूब के बाहरी और प्रवेश के लिए उपयुक्त वातावरण, इलाके और जरूरी संरचना की जांच करने के लिए वैज्ञानिक पेलोड भी ले जाएगा. सहायक डिटेक्टर बायोनिक मल्टी-लेग्ड क्रॉलिंग, बाउंसिंग और रोलिंग डिटेक्टरों को एक साथ करने जैसे कार्य करेंगे. वे चंद्र ट्यूब के अंदर तापमान, रेडिएशन, चंद्र धूल, मिट्टी की संरचना और पानी की बर्फ का पता लगाने के लिए पेलोड भी ले जाएंगे. चीन 2030 तक मानव को चांद पर बसाने की तैयारी में है. 


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