Space News China: चीन इस बार स्पेस की दुनिया में कुछ अलग करने जा रहा है, जहां उसका मिशन स्पेस में जेब्रा फिश को भेजने का है. जी हां, इस बार चीन के स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में इस साल जेब्रा फिश तैरती मिलेगी ऐसी संभावना है. इनके जरिए चीन वैज्ञानिक स्पेस के माहौल में वर्टीबेट्स प्राणी की मांसपेशियों और कंकाल विकास की जानकारी जुटाकर उस पर रिसर्च करना चाहते हैं. स्पेस डॉट कॉम पर छपी एक खबर के मुताबिक, चीन मछली को स्पेस में एक रिसर्च के लिए भेज रहा है.
अंतरिक्ष में जेब्रा फिश भेज रहा चीन
दरअसल, चीन देखना चाहता कि स्पेस स्टेशन जैसे बंद इकोसिस्टम में मछलियों की हड्डियों पर कैसा प्रभाव पड़ता है. चीन का मानना है कि इस रिसर्च के रिपोर्ट से पता चल पाएगा कि स्पेस स्टेशन में रहने वाले इंसानों पर उस माहौल का क्या प्रभाव पड़ता है. खासतौर से उनके शरीर के अंदरूनी हिस्सों में. हालांकि, चीन पहला देश नहीं है जो ऐसा कर रहा है इससे पहले कई देश हैं जिन्होंने स्पेस में ना जाने क्या क्या भेजा है. आइए आपको हम बताते हैं कि कौन कौन से जानवर स्पेस की सैर कर चुके हैं.
ये जानवर कर चुके हैं स्पेस की सैर
हालांकि चीन से पहले अमेरिका भी स्पेस में मछली भेज चुका है लेकिन चीन की मंशा स्पेस में जेब्रा फिश को भेजने की है. आपको बता दें कि बंदर अंतरिक्ष पर भेजे जाने वाले पहले जानवरों में से है. पहली बार बंदर V-2 रॉकेट पर सवार होकर 1948 में अल्बर्ट फर्स्ट को अंतरिक्ष में भेजा गया था. इसके अलावा मशहूर फीमेल डॉग लाइका भी अंतरिक्ष की सैर कर चुकी है. सोवियत संघ ने अपने अंतरिक्ष एक्सपेरिमेंट के लिए कुत्तों का इस्तेमाल किया था. 1957 में लाइका स्पुतनिक पर सवार होकर अंतरिक्ष पहुंची थी.
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बिल्ली से लेकर चिम्पांजी तक ने की अंतरिक्ष की सैर
आपको बता दें कि 18 अक्टूबर 1963 को फ्रांस ने पहली बार बिल्ली को अंतरिक्ष में भेजा था जिसका नाम फेलिसेट था. हालांकि मिशन पूरा होने के बाद फेलिसेट को वापस सुरक्षित धरती पर उतार लिया गया था. इसके अलावा सुअर भी अंतरिक्ष की सैर कर चुके हैं जिसे 1961 में स्पेस में भेजा गया था. तो वहीं चूहा भी 1950 के दशक से लगातार स्पेस की यात्रा कर रहे हैं. आपको बता दें कि हैम नाम के एक चिम्पांजी ने भी 31 जनवरी 961 को मरकरी रेडस्टोन मिशन के दौरान अंतरिक्ष की यात्रा की थी.यह भी पढ़ें: इस शख्स ने सुभाष चंद्र बोस को दी थी 'नेताजी' की उपाधि, लेकिन मदद करने के लिए नहीं बढ़ाया था हाथ