देश में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान जारी है. अभी तक दो चरणों के लिए वोटिंग हो चुकी है और 7 मई को तीसरे चरण के लिए 12 राज्यों की 94 सीटों पर वोटिंग होनी है. लेकिन आज हम भारत नहीं बल्कि अमेरिका की बात करने वाले हैं. क्योंकि इसी साल 2024 के नंवबर महीने में अमेरिका में भी चुनाव होने वाला है. सवाल ये है कि क्या अमेरिकी राज्यों में भी मुख्यमंत्री होते हैं?  इतने बड़े देश में राष्ट्रपति के बाद आखिर कौन से बड़े पद हैं. 


अमेरिका


बता दें कि अमेरिका में कुल 50 राज्य हैं. लेकिन इन राज्यों के साथ सबसे खास बात ये है कि किसी भी राज्य में कितनी भी आबादी क्यों ना हो, वहां से दो सीनेट चुनकर सदन में आते हैं. ये 100 सीनेट ही अपने राज्यों के प्रतिनिधि होते हैं. आसान भाषा में जैसे अपने देश भारत में राज्यों के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री होते हैं, अमेरिका में ठीक ऐसे सीनेट होते हैं, जिन्हें जनता चुनकर भेजती है. 


सीनेट पद की ताकत


अब सवाल ये है कि आखिर सीनेट पद कितना ताकतवर होता है. सीनेट की ताकत को आप इस बात से समझ सकते हैं कि अगर राष्ट्रपति कोई फैसला करता है, जो सीनेट को मंजूर नहीं है. तो वो फैसला रुक जाता है. इतना ही नहीं किसी भी संधि की मंजूरी के लिए सीनेट के दो-तिहाई सदस्यों की मंजूरी जरूरी है. इसके अलावा सीनेट राष्ट्रपति या उप-राष्ट्रपति को अपने पद से हटा सकता है. इसे महाभियोग कहते हैं. ये तब होता है जब राष्ट्रपति पर देशद्रोह, भारी भ्रष्टाचार या दुष्कर्म का आरोप लगता है. 


अमेरिका में दो सदन


भारत में जैसे लोकसभा और राज्यसभा दो सदन है. अमेरिका में भी ठीक ऐसे ही दो सदन हैं. दरअसल अमेरिकी कांग्रेस दो हिस्सों में बंटी हुई है, जिनमें से हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव को निचला सदन कहते हैं और सीनेट ऊपरी सदन होता है.


 हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव


बता दें कि हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव अमेरिकी कांग्रेस का निचला सदन है. इसमें 435 प्लस 3 सदस्य होते हैं. विशेष प्रावधान के तहत वॉशिंगटन डीसी के 3 सदस्य को रखा जाता है. इस हाउस के सदस्यों का कार्यकाल 2 साल होता है. इसके बाद तुरंत सदन के नए सदस्य चुने जाते हैं. जानकारी के लिए बता दें कि पहले इसी हाउस में कोई फैसला लिया जाता है, जिसे बिल कहते हैं. निचली सदन से कोई भी बिल सीनेट सदन तक जाता है और वहां से सहमति मिलने पर राष्ट्रपति के पास पहुंचता है. इसके अलावा हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के पास कई विशेष ताकतें हैं. उदाहरण के लिए जैसे यहां के सदस्य चाहें तो राजस्व से जुड़े सभी विधेयकों पर अपने आप फैसला ले सकते हैं.
 


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