Why Winning Team Get White Blazer: कल चैंपियंस ट्रॉफी का भारत और न्यूजीलैंड का फाइनल मैच दुबई में खेला गया. जिसमें भारत ने इतिहास रचते हुए चार विकेट से न्यूजीलैंड को हरा दिया और तीसरी बार ये खिताब अपने नाम किया है. भारत ने आखिरी बार 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी और अब 12 साल के बाद फिर से ये खिताब अपने नाम किया है. फाइनल में न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी का फैसला करते हुए 251 रन बनाए. वहीं भारत ने 49 ओवर में टारगेट चेज कर लिया और ऐतिहासिक जीत अपने नाम दर्ज की. ट्रॉफी उठाने से पहले जीते हुए सभी खिलाड़ियों को व्हाइट ब्लेजर दिए गए. चैंपियंस ट्रॉफी विनिंग टीम को सफेद ब्लेजर क्यों दिए जाते हैं, आइए इसके बारे में जानते हैं.
चर्चा में रहा व्हाइट ब्लेजर
चैंपियंस ट्रॉफी में खिलाड़ियों की जीत में व्हाइट ब्लेजर काफी चर्चा में रहा. वैसे तो आईसीसी टूर्नामेंट जीतने पर खिलाड़ियों को ट्रॉफी दी जाती है, लेकिन इसके साथ-साथ व्हाइट ब्लेजर भी दिया जाता है. इस ब्लेजर पर टूर्नामेंट का लोगो बना रहता है. जीतने वाली टीम को मोमेंटो के रूप में दिया जाता है. आईसीसी की मानें तो चैंपियंस ट्रॉफी का हर मैच जरूरी होता है, जहां टीमें न सिर्फ ट्रॉफी के लिए बल्कि इस सफेद कोट के लिए भी कंपटीशन करती हैं. पाकिस्तान के दिग्गज बॉलर वसीम अकरम ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की शुरुआत में इसके बारे में बताया था.
क्यों मिलता है व्हाइट ब्लेजर
वसीम अकरम ने कहा था, आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी सबसे बेस्ट को रिप्रेजेंट करती है. ये ब्लेजर महानता का प्रतीक होता है और वर्ल्ड क्रिकेट कम्युनिटी में ये एक्साइटमेंट को बढ़ाता है. मुंबई की फैशन डिजाइनर बबीता ने इसे डिजाइन किया था और 2009 में इसे पहली बार लॉन्च किया था, तब से ये जैकेट चैंपियंस ट्रॉफी की विनिंग टीम को दिया जा रहा है.
कब से शुरू हुई ये परंपरा
चैंपियंस ट्रॉफी 1998 में शुरू हुई थी. उस वक्त जीतने वाली टीम को व्हाइट ब्लेजर नहीं दिए जाते थे. साल 2009 में चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन जब साउथ अफ्रीका में हुआ तो तब इसकी शुरुआत हुई. इसके बाद इंग्लैंड और वेल्स में दो टूर्नामेंट हुए. साल 2013 में भारत ने इंग्लैंड को हराकर ये ब्लेजर जीता था. वहीं 2017 में पाकिस्तान ने भारत को हरा दिया था. उस वक्त पाकिस्तान की टीम को ये ब्लेजर मिला था.