UNSC Powers: यूएस के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र में 56 मिनट की स्पीच दी. इस स्पीच के बाद पूरी दुनिया का ध्यान युद्ध रोकने और अंतरराष्ट्रीय शांति को बनाए रखने में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका पर केंद्रित हो गया. दरअसल ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र के कामकाज की आलोचना की और खुद सात युद्धों को रोकने का दावा किया. अब इस बीच यह सवाल उठता है कि क्या संयुक्त राष्ट्र खुद दो देशों के बीच चल रहे संघर्ष को रोकने के लिए अपनी सेना भेज सकता है या नहीं. आइए जानते हैं. संयुक्त राष्ट्र के सैनिक और सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र युद्ध को रोकने के लिए सैन्य हस्तक्षेप की अनुमति दे सकता है. लेकिन इसकी प्रक्रिया काफी ज्यादा जटिल होगी. इसी के साथ यह निर्णय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मंजूरी पर भी निर्भर करता है. संयुक्त राष्ट्र की अपनी कोई स्थाई सेना नहीं है, बल्कि यह अपने सदस्य देशों द्वारा स्वेच्छा से दिए गए सैनिकों पर निर्भर है. संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत अधिकार आपको बता दें कि संगठन का सबसे शक्तिशाली निकाय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद बल प्रयोग के लिए हां करने में काफी अहम भूमिका निभाता है. संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के मुताबिक यदि शांतिपूर्ण उपाय नहीं निकलता है और संघर्ष अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहा है, तो सुरक्षा परिषद सैन्य बल प्रयोग करने का फैसला कर सकता है. वीटो पावर की भूमिका सीमा सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम. इन पांच देशों के पास वीटो पावर है. यदि इनमें से कोई भी देश प्रस्तावित हस्तक्षेप का विरोध करता है और अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल करता है तो संयुक्त राष्ट्र कानूनी तरीके से बल का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दे सकता. संयुक्त राष्ट्र की जिम्मेदारियां संयुक्त राष्ट्र सैन्य हस्तक्षेप करने की क्षमता में सीमित है लेकिन बाकी तरीकों से शांति को बनाए रखने में काफी अहम भूमिका निभाता है. यह सैनिक संघर्ष क्षेत्र में युद्ध विराम की निगरानी, नागरिकों की सुरक्षा और स्थानीय शांति प्रक्रियाओं का समर्थन करता है. इसी के साथ यह मानवीय सहायता की प्रदान करता है, जिसमें शरणार्थियों के लिए भोजन, दवा और राहत सामग्री शामिल है.

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