पोलियो एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है. जो कि पोलियो वायरल की वजह से दुनियाभर में फैलती है. वैसे तो ज्यादातर देश पोलियो से मुक्त हो चुके हैं. लेकिन सिर्फ दो देश अभी भी ऐसे हैं जहां पर पोलियो वायरस अभी भी बड़ी मात्रा में मौजूद है. दुनिया के तकरीबन 85% पोलियो के मामले पाकिस्तान में हैं.
कुछ महीने पहले पाकिस्तान के करीब 12 जिलों से पोलियो का वायरस मिला था. ऐसे में पड़ोसी देश होने के नाते भारत में भी इसको लेकर चिंता बढ़ रही है. दरअसल भारत पोलियो मुक्त हो चुका है, लेकिन पाकिस्तान से बहुत से लोग भारत में आते-जाते रहते हैं. ऐसे में वहां से यह वायरस फैलने का खतरा बना हुआ है.
कौन से देश नहीं हो पाए पोलियो मुक्त
ऐसे में पाकिस्तान में बढ़ रहे पोलियो के केस से भारत में चिंता बनी हुई है. क्योंकि कुछ साल पहले चीन में कुछ ऐसा देखने को मिला था, जो कि भारत के लिए भी चिंता का विषय है. साल 2011 में चीन में अचानक से पोलियो के मामले बढ़ने लगे थे. जब इसकी जांच कराई गई तो पता चला कि ये केस पाकिस्तान से चीन पहुंचे लोगों के कारण हुए हैं. ऐसे में भारत-पाकिस्तान सीमा के आर-पार तो लोग जाते आते रहते हैं. ऐसे में बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान अभी तक पोलियो मुक्त नहीं हो पाए हैं. वहां के लोगों में ये लक्षण बने हुए हैं. वहां पर वैक्सीनेशन अभियान के जरिए पोलियो मुक्त कराए जाने का अभियान चल रहा है.
पाकिस्तान में फैले वायरस से भारत में डर क्यों
यूनिसेफ की रिपोर्ट की मानें तो भारत समेत दुनिया के कई देशों में लोगों ने कोविड वायरस के डर से बच्चों को पोलियो समेत कई और जरूरी वैक्सीन के डोज नहीं लगवाए हैं. ऐसे में डर इस बात का है कि उन बच्चों में पोलियो वायरस के खिलाफ पूरी तरह से इम्यूनिटी बूस्ट नहीं हुई होगी. ऐसे में पोलियो वायरस के संपर्क में आने से संक्रमण का खतरा पूरी तरह से बना हुआ है. हालांकि इसकी आशंका कम ही है. भारत में पोलियो के टीका अभियान को लेकर मैकेनिज्म बहुत मजबूत है. पोलियो की टीम घर-घर जाकर इसकी खुराक देती है.
किसको पोलियो का खतरा
पोलियो का खतरा सबसे ज्यादा पांच साल से कम उम्र के बच्चों को होता है. अगर किसी बड़े को बचपन में वैक्सीन के खुराक नहीं लगे हैं तो उनको इस बीमारी का जोखिम हो सकता है. इसके अलावा जिन प्रेग्नेंट महिलाओं को पोलियो की डोज नहीं मिली है, इसके अलावा कमजोर इम्युनिटी वाले लोग या पोलियोग्रस्त इलाकों में रहने वाले लोगों को इसका खतरा ज्यादा होता है.
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