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रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच खबरें आई है कि कई भारतीय नागरिकों को नौकरी के बहाने रूस ले जाया गया और फिर वहां उन्हें सेना में भर्ती कर वॉर के लिए भेज दिया गया. इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि कोई भी भारतीय रूसी सेना में शामिल न हो, क्योंकि यह बहुत खतरनाक हो सकता है. विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि इस मामले को रूस के अधिकारियों के सामने उठाया गया और क भारतीयों को छुट्टी द‍िलाकर वापस लाने की में भी सफलता मिली है. मंत्रालय ने फिर दोहराया कि किसी भी भारतीयों को ऐसे ऑफर स्वीकार नहीं करने चाहिए.

क्या भारतीय सेना में भी होती है विदेशी र्ती?

रूसी सेना में भारतीयों की भर्ती के बाद अब सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या भारतीय सेना भी विदेशी नागरिकों अपने यहां भर्ती करती है. दरअसल भारतीय सेना भी विदेशी नागरिकों को सेना में भर्ती करती हैं, लेकिन इसके लिए कुछ खास नियम बने हैं. भारतीय सेना में सबसे ज्यादा विदेशी नागरिक नेपाल से आते हैं. नेपाल के गोरखा सैनिक भारतीय सेना का अहम हिस्सा है और इसके लिए गोरखा रेजीमेंट भी बनी हुई है. इस तरह भूटान के नागरिक भी विशेष योजना के तहत भारतीय सेना में भर्ती हो सकते हैं. भारत में तिब्‍बती सेन‍िकों का विशेष दस्ता है जो चीनी सीमा पर तैनात रहता है.

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किन देशों के लोग हो सकते हैं शामिल?

स्वतंत्रता के बाद पाकिस्तान, बर्मा, श्रीलंका के केन्‍या, थाईलैंड, युगांडा, तंजानिया, जांबिया, मालवी, कांगो, लोकतांत्रिक गणराज्य इथियोपिया और वियतनाम जैसे देशों से भारत आकर स्थायी रूप से बसे भारतीय मूल के लोग भी सेना में भर्ती हो सकते हैं, लेकिन इसके लिए शर्त यह रहती है कि उनके पास भारत के नागरिकता होनी चाहिए.

किस देश के सैनिक नहीं हो सकते शामिल?

भारतीय सेना में भर्ती को लेकर कुछ देशों पर पूरी तरह रोक है. इनमें पाकिस्तान, बांग्लादेश, चीन, अफगानिस्तान, श्रीलंका, अमेरिका और यूरोप के देश शामिल हैं. सुरक्षा और राजनीतिक कारणों से इन देशों के नागरिक भारतीय सेना में शामिल नहीं हो सकते हैं. वहीं सभी धर्म के लोग भारतीय सेना में शामिल हैं. आंकड़ों के अनुसार भारतीय सेना में लगभग 70 फीसदी हिंदू, 8 फीसदी सिख, तीन फ‍ीसदी मुस्लिम और दो-तीन फ‍ीसदी ईसाई शामिल हैं.

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