भारतीय क्रिकेट के दो दिग्गज चेहरे रोहित शर्मा और विराट कोहली अब अपने करियर के उस मोड़ पर हैं, जहां हर शानदार पारी के साथ फैंस के मन में एक डर भी बैठा रहता है कि कहीं ये आखिरी बार तो नहीं? ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे से पहले भी यही चर्चा थी कि शायद दोनों रिटायरमेंट को लेकर बड़ा ऐलान कर दें, लेकिन मैदान पर जो हुआ, उसने सबको चुप करा दिया. सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) पर रोहित शर्मा ने अपने पुराने अंदाज में धमाकेदार बल्लेबाजी की और भारत को जीत की राह पर ला खड़ा कर दिया. 

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उनकी लय, उनका आत्मविश्वास और हर चौका-छक्का बता रहा था कि ‘हिटमैन’ आज भी हिट हैं. विराट कोहली ने भी अपने कप्तानी के वक्त की याद दिलाई और दृढ़ता व क्लास के साथ खेले. अब संन्यास को लेकर सवाल यह है कि क्या कोई खिलाड़ी मैदान में मैच खेलते-खेलते संन्यास का ऐलान कर सकता है कि नहीं? इसमें खिलाड़ियों के लिए क्या नियम हैं.

खिलाड़ी कभी भी ले सकते हैं संन्यास?

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कल्पना कीजिए, एक बल्लेबाज का आखिरी ओवर खेल रहा है, वो अचानक हेलमेट उतारता है, टीम की ओर देखता है और कहता है, ‘बस, अब नहीं.’ सुनने में यह भले फिल्मी लगता है, लेकिन खेल की दुनिया में ऐसा हो चुका है और आगे भी हो सकता है. दरअसल, किसी भी खिलाड़ी को मैच के दौरान या बीच सीरीज में संन्यास की घोषणा करने से कोई कानून या नियम नहीं रोकता है. 

किसे देनी होती है रिटायरमेंट की जानकारी?

क्रिकेट, फुटबॉल या अन्य प्रोफेशनल खेलों में, खिलाड़ी का संन्यास लेना पूरी तरह से व्यक्तिगत फैसला होता है. यह कोई बोर्ड या कोच तय नहीं करता कि कब उसे रुकना है, लेकिन हां, कुछ औपचारिकताएं जरूर होती हैं, जिन्हें पूरा करना जरूरी होता है. उदाहरण के लिए, भारत में किसी खिलाड़ी को संन्यास लेने से पहले बीसीसीआई (BCCI) या अपने संबंधित राज्य क्रिकेट बोर्ड को सूचित करना होता है. इसी तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ी आईसीसी (ICC) या अपने देश के खेल संघ को जानकारी देता है.

मैच के बीच में संन्यास क्यों?

कई बार खिलाड़ी अचानक भावनात्मक या व्यक्तिगत कारणों से यह कदम उठा लेते हैं, हो सकता है वे मानसिक रूप से थक चुके हों, लगातार चोटों से परेशान हों, या टीम में जगह खोने का डर सता रहा हो. क्रिकेट में कुछ खिलाड़ियों ने अपने आखिरी मैच के दौरान ही अलविदा कहकर फैंस को हैरान किया है.

हालांकि आमतौर पर खिलाड़ी मैच खत्म होने या पूरी सीरीज पूरी करने के बाद ही अपनी विदाई की घोषणा करते हैं. यह इसलिए कि टीम, फैन्स और बोर्ड सभी को तैयारी का मौका मिल सके, लेकिन कोई कानून यह नहीं कहता कि खिलाड़ी बीच खेल में यह कदम नहीं उठा सकता है.

क्या है रिटायरमेंट की प्रक्रिया?

खिलाड़ी पहले अपने टीम मैनेजमेंट और कोच को सूचित करता है, फिर संबंधित बोर्ड को आधिकारिक पत्र भेजता है या ईमेल करता है. इसके बाद वह चाहे तो मीडिया से मुखातिब हो सकता है. कोई तय समय सीमा नहीं होती है, कोई खिलाड़ी मैच के बाद ही कह देता है कि ‘ये मेरा आखिरी गेम था,’ तो कोई महीनों पहले ही रिटायरमेंट की तारीख घोषित कर देता है.

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