Bihar Election 2025: पटना के बांकीपुर में मतदान के दौरान समस्तीपुर की सांसद शांभवी चौधरी का एक वीडियो सामने आया है, जिसने चुनावी हलकों में नई गर्मी पैदा कर दी है. कांग्रेस का कहना है कि वीडियो में उनके दोनों हाथों की उंगलियों पर स्याही के निशान दिख रहे हैं, जिससे दो बार वोट डालने की आशंका पैदा होती है. अब चुनाव के वक्त एक वोट की कीमत कितनी होती है, यह तो सभी जानते हैं, लेकिन क्या हो अगर कोई व्यक्ति दो बार वोट डाल दे? एक ही चुनाव में दो जगह से वोट करना या दो बार मत डालना मजाक नहीं, बल्कि भारतीय कानून के तहत गंभीर अपराध है.
बहुत से लोग इसे छोटी सी गलती समझ बैठते हैं, लेकिन हकीकत में यह चुनावी अपराध की सीधी श्रेणी में आता है. आइए जानें कि इसके लिए क्या सजा है.
अपराध है दो बार वोट
भारत के संविधान और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अनुसार, हर नागरिक को केवल एक बार और एक ही निर्वाचन क्षेत्र में वोट डालने का अधिकार है. यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर या धोखे से दो बार वोट डालता है, तो यह धारा 62(4) और धारा 31 के अंतर्गत अपराध माना जाता है.
यह नियम सिर्फ मतदान के दिन पर ही नहीं, बल्कि वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराने के समय पर भी लागू होता है. यानी अगर किसी व्यक्ति का नाम दो अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में दर्ज पाया गया, तो यह भी कानूनी अपराध है.
किस धारा में अपराध है और कितनी हो सकती है सजा?
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 31 कहती है कि अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर अपने नाम को एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में दर्ज कराता है, या दो जगह से मतदान करता है, तो उसे अपराधी माना जाएगा.
इस अपराध के लिए अधिकतम सजा छह महीने की कैद या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं. यानी अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर एक से ज्यादा जगह से वोट डालता है, तो उसे जेल की सजा और आर्थिक दंड दोनों भुगतने पड़ सकते हैं.
यह गुनाह कैसे साबित होता है
चुनाव आयोग के पास अब ईवीएम और वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन सिस्टम के जरिए ऐसी गड़बड़ियों को पकड़ने के तरीके मौजूद हैं. अगर किसी व्यक्ति के नाम, पहचान पत्र या फिंगरप्रिंट में दोहराव पाया जाता है, तो उसे डुप्लिकेट वोटर घोषित किया जा सकता है. ऐसे मामलों में जिला निर्वाचन अधिकारी या पुलिस के जरिए एफआईआर दर्ज की जाती है.
वोटिंग बूथ पर एक ही व्यक्ति का बार-बार वोट डालने का मामला अगर मौके पर पकड़ लिया जाए, तो उसे वहीं से हिरासत में भी लिया जा सकता है.
जानबूझकर या गलती
अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर दो बार वोट डालता है, तो यह आपराधिक इरादा माना जाएगा और सजा पक्की है. लेकिन अगर यह गलती से हुआ, जैसे नाम दो जगह रह गया हो और उसे पता न हो तो चुनाव अधिकारी जांच के बाद चेतावनी देकर मामला बंद कर सकते हैं. हालांकि डिजिटल वेरिफिकेशन सिस्टम के कारण अब ऐसे मामलों की संभावना बहुत कम बची है.
चुनाव आयोग की सख्ती
भारतीय चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि एक व्यक्ति एक वोट लोकतंत्र की मूल आत्मा है. कोई भी नागरिक अगर इसे तोड़ता है, तो वह न केवल कानून तोड़ता है, बल्कि लोकतंत्र के विश्वास के साथ भी धोखा करता है. आयोग ऐसे हर मामले को गंभीरता से लेता है और आवश्यक कानूनी कार्रवाई करता है.
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