Bihar Chunav Result 2025: बिहार चुनाव की गिनती को लेकर माहौल गरमा गया है. 243 सीटों पर करोड़ों वोटों की किस्मत अब कुछ घंटों की दूरी पर है. हर उम्मीदवार की निगाह अपने विधानसभा क्षेत्र के राउंड्स ऑफ काउंटिंग पर टिकी है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ये राउंड होते क्या हैं, और कैसे तय होता है कि किसी विधानसभा क्षेत्र में वोटों की गिनती कितने राउंड में होगी? बिहार में यह गणना चुनाव आयोग की एक सटीक और तकनीकी प्रक्रिया के तहत तय की जाती है.

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विधानसभा के अनुसार कैसे होती है वोटों की गिनती?

दरअसल, वोटों की गिनती राउंड्स में इसलिए की जाती है ताकि हर ईवीएम से आए डेटा को व्यवस्थित और पारदर्शी तरीके से दर्ज किया जा सके. एक विधानसभा क्षेत्र में जितने अधिक मतदान केंद्र होते हैं, उतनी ही ज्यादा ईवीएम मशीनें होती हैं, और यही तय करती हैं कि वहां कितने राउंड में वोटों की गिनती होगी. उदाहरण के तौर पर, अगर किसी सीट पर 25 ईवीएम मशीनें हैं और एक बार में 14 मशीनों की गिनती की जा सकती है, तो वहां लगभग 2 राउंड में काउंटिंग पूरी हो जाएगी. वहीं, अगर किसी सीट पर 200 ईवीएम मशीनें हैं, तो वहां गिनती 14 मशीनों के समूहों में कई राउंड तक चलेगी, जो 14 से 15 राउंड या उससे अधिक तक जा सकती है.

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कैसे खोली जाती है ईवीएम?

हर राउंड में एक निश्चित संख्या की ईवीएम खोली जाती हैं. उन मशीनों से वोटों की संख्या निकाली जाती है और फिर रिटर्निंग ऑफिसर (RO) उसकी घोषणा करते हैं. हर राउंड की गिनती खत्म होने के बाद उसे कंप्यूटर में दर्ज किया जाता है और तुरंत चुनाव आयोग के केंद्रीय सर्वर पर अपलोड किया जाता है. यही वजह है कि टीवी पर दिखने वाले रुझान पहला राउंड, दूसरा राउंड जैसे शब्दों में आते हैं.

कौन करता है काउंटिंग राउंड्स का निर्धारण?

काउंटिंग राउंड्स की संख्या का निर्धारण मुख्य निर्वाचन अधिकारी (Chief Electoral Officer) और जिला निर्वाचन अधिकारी (District Election Officer) मिलकर करते हैं. वे मतदाता संख्या, मतदान केंद्रों की संख्या और गिनती टेबल्स की उपलब्धता के आधार पर यह तय करते हैं कि कितने राउंड होंगे. सामान्यतः एक विधानसभा क्षेत्र में 14 से 30 राउंड तक गिनती होती है, लेकिन बड़े शहरों या ज्यादा आबादी वाले क्षेत्रों में यह संख्या 40 तक भी पहुंच सकती है.

बिहार में इस बार मतगणना के लिए हर विधानसभा क्षेत्र में औसतन 21 राउंड तय किए गए हैं. यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होती है. हर राउंड में उम्मीदवारों के एजेंट मौजूद रहते हैं, ताकि किसी भी गिनती पर संदेह न रहे.

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