बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा चुनाव आयोग 6 अक्टूबर के बाद कभी भी कर सकता है. बिहार सरकार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को चुनाव आयोग ने पत्र भेजा है. सभी विभागों में ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरा करने का निर्देश भी दिया गया है. बिहार चुनावों में सबसे बड़ा मुकाबला एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच है. चुनाव के साथ ही बिहार की जनसंख्या और जातियों को लेकर चर्चा भी तेज हो गई है. ऐसे में हम आपको बताते हैं कि बिहार में हिंदू-मुस्लिम, दलित, ओबीसी और ईबीसी की जनसंख्या कितनी है?
बिहार की हिंदू और मुस्लिम आबादी
कुछ समय पहले ही बिहार सरकार ने जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी की थी. यह रिपोर्ट बताती है, कि राज्य की आबादी में किस वर्ग और धर्म के कितनी हिस्सेदारी है. जातीय जनगणना की रिपोर्ट के अनुसार बिहार की कुल जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार से ज्यादा है. इसमें करीब 53 लाख लोग बिहार के बाहर रहते हैं राज्य में फिलहाल 12 करोड़ 53 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं. इनमें पुरुषों की संख्या 6.41 करोड़ और महिलाओं की संख्या 6.11 करोड़ है. वहीं अगर धर्म के आधार पर देखा जाए तो बिहार में सबसे ज्यादा हिंदू आबादी है. राज्य में 10 करोड़ 71 लाख से ज्यादा हिंदू लोग हैं जो कुल आबादी का लगभग 81 प्रतिशत हिस्सा है. वहीं मुस्लिम आबादी 2 करोड़ 31 लाख से ज्यादा है. जिसका मतलब है कि करीब 17 प्रतिशत आबादी बिहार में मुस्लिम समुदाय की है. इसके अलावा बिहार में ईसाई, सिख, जैन और बौद्ध धर्म को मानने वालों की संख्या बहुत कम है.
बिहार में ओबीसी और ईबीसी का दबदबा
जातीय जनगणना के अनुसार बिहार की जनसंख्या में सबसे बड़ी हिस्सेदारी ओबीसी और ईबीसी वर्ग की है. यह रिपोर्ट बताती हैं की बिहार की कुल जनसंख्या का 63 प्रतिशत हिस्सा इन्हीं दोनों वर्गों का है. बिहार की जनसंख्या में ईबीसी की हिस्सेदारी 36 प्रतिशत है, वहीं ओबीसी की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत है. इनके बाद अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की आबादी 19 प्रतिशत से थोड़ी ज्यादा है. जबकि सामान्य वर्ग करीब 15.5 प्रतिशत है. वहीं अगर जाति के अनुसार बात करें तो बिहार में यादव समुदाय सबसे आगे हैं. राज्य की कुल आबादी में यादवों की हिस्सेदारी 14.27 प्रतिशत है. यही वजह है कि बिहार की राजनीति में यादव जाति का असर सबसे ज्यादा देखने को मिलता है.
बिहार विधानसभा में जातीय प्रतिनिधित्व का आंकड़ा
अगर बिहार विधानसभा में प्रतिनिधित्व की बात की जाए तो ओबीसी विधायकों की संख्या लगभग 42 प्रतिशत है. इनमें यादव करीब 21 प्रतिशत, वैश्य 10 प्रतिशत, कुशवाहा 7 प्रतिशत और कुर्मी 4 प्रतिशत है. राज्य में अनुसूचित जाति की आबादी 19 प्रतिशत के आसपास है, लेकिन विधानसभा में उनकी हिस्सेदारी 16 प्रतिशत है. वहीं मुस्लिम आबादी 17 प्रतिशत से ज्यादा होने के बावजूद विधानसभा में उनकी हिस्सेदारी केवल 7.81 प्रतिशत है.