तेलंगाना की राजधानी अभी हैदराबाद है, लेकिन मांग है कि इसका नाम बदल दिया जाए और बदलकर भाग्यनगर कर दिया जाए. वैसे पिछले कुछ सालों में देश के शहरों और रेलवे स्टेशन के नाम बदले गए हैं और अब इस रेस में हैदराबाद भी जुड़ गया है. हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर किए जाने के बीच सवाल ये है कि आखिर नाम भाग्यनगर ही क्यों किया जा रहा है. भाग्यनगर नाम के पीछे की क्या कहानी है और इस नाम का हैदराबाद से क्या कनेक्शन है?


क्या है भाग्यनगर की कहानी?


भाग्यनगर नाम होने के पीछे कई तर्क हैं और ऐसा नहीं है कि ये नाम पहली बार सामने आया है. इतिहास के पन्नों में भी हैदराबाद का नाम भाग्यनगर दिखा है, लेकिन इसके साथ ही हैदराबाद भी लिखा गया है. इसलिए भाग्यनगर पहले भी रह चुका है. बीबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक तर्क के हिसाब से भाग्यनगर का नाम भाग्य लक्ष्मी मंदिर के नाम पर रखा गया है, जो चारमीनार के पास है. लेकिन, कई इतिहासकारों का दावा है कि वहां पहले कोई ऐसा मंदिर नहीं रहा है. 


वैसे एक दलील में कहा गया है कि भाग्यमती के नाम पर हैदराबाद का नाम था. खास बात ये है कि सलारजंग म्यूज़ियम के एक शोध और किताब 'ऑन द हिस्ट्री ऑफ़ भाग्यमती' के आधार पर बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तर्क को लेकर कई जानकारियां हैं, जो इसे सच साबित करती हैं. कई रिपोर्ट में कहा गया है कि भाग्यमति के नाम पर इस शहर का नाम था, जो किसी सुल्तान की रखैल बताई जाती है. लेकिन, भाग्यमति और मुहम्मद कुली की प्रेम कहानी को कल्पना भी बताया जाता है. इसके अलावा भी कई हिस्ट्री डॉक्यूमेंट्स में भाग्यनगर नाम मिला है. 


इसके अलावा एक तर्क ये भी है कि हैदराबाद का नाम फरखुंडा के नाम पर रखा गया था, जिसका फारसी मतलब लकी सिटी यानी भाग्यनगर है. इस वजह से भी हैदराबाद का नाम भाग्यनगर बदलने की बात कही जाती है. 


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