One Day DM Powers: उत्तर प्रदेश में 12वीं कक्षा की एक छात्रा आंचल वर्मा को एक दिन के लिए बाराबंकी का जिला मजिस्ट्रेट बनाया गया. यह पहल जिला कलेक्टर कार्यालय में 'मिशन शक्ति अभियान' के अंतर्गत शुरू की गई है. इस पहल का उद्देश्य महिला छात्रों को प्रशासनिक कामकाज का अनुभव देना है. मौजूदा डीएम शशांक त्रिपाठी ने प्रतीकात्मक रूप से अपनी कुर्सी आंचल को सौंप कर उन्हें एक दिन के लिए जिला प्रशासन की जिम्मेदारी को सौंपा. आज हम जानेंगे कि एक दिन के डीएम का क्या मतलब होता है और इस पद की क्या भूमिका होती है.
1 दिन के लिए डीएम का मतलब
1 दिन के लिए डीएम जैसे कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को जिला मजिस्ट्रेट की भूमिका और जिम्मेदारियों से परिचित कराना होता है. इन पहलों के जरिए आंचल जैसे छात्र प्रशासनिक प्रक्रियाओं, जनता की शिकायतों को सुलझाने और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं का अनुभव लेते हैं. लेकिन आपको बता दें कि इस पूरी प्रक्रिया में ऐसे पदों पर कोई भी कानूनी अधिकार नहीं होता.
प्रतीकात्मक भूमिका और शैक्षिक उद्देश्य
1 दिन के डीएम की अवधि के दौरान जिसे भी यह पद सौंपा जाता है उसके द्वारा लिया गया कोई भी निर्णय कानूनी रूप से मान्य नहीं होता और वह सिर्फ शैक्षिक उद्देश्यों के लिए होता है. इनका मकसद छात्रों को शासन के बारे में व्यवहारिक जानकारी देना है. इस कार्यक्रम में छात्रों को प्रशासनिक जिम्मेदारियों का अनुभव तो मिलता है लेकिन उन्हें वास्तविक निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं होता. इसी के साथ असली डीएम सभी गतिविधियों की निगरानी करता है और इस बात को सुनिश्चित करता है कि कोई भी प्रतीकात्मक निर्णय सिर्फ सीखने के अवसर के रूप में इस्तेमाल किया गया हो. इसी बीच सभी प्रशासनिक प्रक्रियाएं बिना किसी रूकावट के चलती रहती हैं.
क्या होते हैं नियम
1 दिन के लिए डीएम का पद कानूनी रूप से या फिर संवैधानिक रूप से मान्य नहीं होता. सभी कार्य मौजूद जिला मजिस्ट्रेट की देखरेख में किए जाते हैं ताकि कार्यक्रम में शैक्षिक उद्देश्यों को पूरा किया जा सके और साथ ही आधिकारिक प्रशासनिक कार्य पर कोई भी असर न पड़े.
क्या हैं चयन के मानदंड
इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों का चयन उनके शैक्षणिक प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं, खासकर महिला छात्रों में प्रतिभा को पहचानना और उन्हें भविष्य के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की एक बड़ी पहल का हिस्सा है. 'वन डे डीएम' पहला छात्रों में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में रुचि पैदा करने के साथ-साथ नागरिक जागरूकता और जिम्मेदारी के महत्व को भी दर्शाती है. जिला प्रशासकों की चुनौतियों का अनुभव करके छात्र शासन, नीति निर्माण और जिले से जुड़ी हुई बड़ी जिम्मेदारियां को अच्छे से समझ पाते हैं.
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