बांग्लादेश में जब से सरकार बदली है तब से वहां पर कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं. हाल ही में बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक ने रविवार को 20, 50 और 1000 टका के नए नोट जारी किए, जिसमें से शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश से संस्थापक और पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्ररहमान की तस्वीर हटा दी गई है. इसको लेकर सेंट्रल बैंक के प्रवक्ता आरिफ हुसैन खान ने अपने बयान में कहा है कि नई डिजाइन में किसी भी शख्स की तस्वीर नहीं होगी, बल्कि इस पर देश के पारंपरिक स्थलों को जगह दी गई है. 

आरिफ हुसैन खान का कहना है कि नए नोटों पर हिंदू और बौद्ध मंदिरों की तस्वीरें छापी जाएंगी. बता दें कि 1971 में बांग्लादेश के बनने के बाद से अब तक इन नोटों की डिजाइन में करीब पांच बार बदलाव किया जा चुका है. क्या आपको पता है कि भारत में नोटों पर तस्वीर लगाने और हटाने को लेकर क्या नियम हैं. चलिए जानें. 

भारत में तस्वीर छापने को लेकर क्या हैं नियम

कुछ साल पहले भारत में भी ऐसी खबरें सुनने को मिली थीं कि नोट के ऊपर से गांधी जी की तस्वीर हटाई जाएगी, लेकिन बाद में इस बात को खारिज कर दिया गया कि ऐसा कुछ भी नहीं है. भारत में नोट पर तस्वीर के नियम की बात करें तो रिजर्व बैंक ने सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में यह बताया था कि आरबीआई एक्ट 1934 के सेक्शन 25 के तहत केंद्रीय बैंक और केंद्र सरकार मिलकर नोट पर तस्वीर छापने का फैसला करती हैं. अगर इसमें कोई बदलाव करना होता है, तो भी दोनों पैनल मिलकर फैसला लेंगी तभी यह बदलाव किया जा सकता है. 

भारत में नोट पर कब छपी थी गांधी जी की तस्वीर

भारत में नोट पर तस्वीर छापने का फैसला नियमों से ज्यादा राजनीति से प्रेरित होता है और इसमें केंद्र सरकार का ज्यादा हस्तक्षेप होता है. भारत में नोट पर गांधीजी की तस्वीर छापने का सिलसिला साल 1966 में लिया गया था. इससे पहले नोटों पर अशोक स्तंभ की फोटो छपती थी. इसके अलावा नोट पर रॉयल बंगाल टाइगर्स, खेती, आर्यभट्ट उपग्रह और शालीमार गार्डन जैसी तस्वीरें भी छापी जा चुकी हैं. भारत में साल 2016 में महात्मा गांधी की तस्वीर के बदले में डॉ. भीमराव अंबेडकर की फोटो लगाने की बात कही गई थी, हालांकि बाद में इस फैसले को टाल दिया गया था.

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