दुनिया में लोग अच्छे और लैविश लाइफस्टाइल में जीने के लिए खूब पैसे कमाने की सोचते हैं. वे इसके लिए विदेशों तक में कमाने जाते हैं और वहां नौकरी या बिजनेस के जरिए मोटी रकम उठाते हैं. इसी के साथ वे अपनी ख्वाहिशों को पूरा कर पाते हैं. भारतीय भी अपना देश छोड़कर विदेश जाते हैं, लेकिन यहां पर यह सवाल भी उठता है कि आखिर भारतीय विदेशों में कितने सुरक्षित हैं. यह सवाल इसलिए भी है, क्योंकि हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में सड़क पर एक भारतीय युवक पर जानलेवा हमला किया गया और फिर उसे वहीं पर बेहोशी की हालत में छोड़ दिया गया.

पीड़ित को खूब दी गईं गालियां

उस शख्स का नाम चरणप्रीत बताया जा रहा है. चरणप्रीत ने चैनल 9न्यूज से कहा कि, “उन लोगों ने कहा कि यहां से भाग जा, इंडियन और फिर उस पर लगातार घूंसे बरसाए गए. मैंने जवाब देने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मुझे तब तक मारा जब तक मैं बेहोश नहीं हो गया.” इस नस्लीय हमले के बाद विदेशों में भारतीयों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं. चलिए जानें कि किस देश में भारतीयों पर सबसे ज्यादा नस्लीय हमले होते हैं. 

किन देशों में हुए हमले

न्यूज 18 की एक रिपोर्ट की मानें तो 2008 से 2025 तक ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों के खिलाफ लगभग 200 नस्लीय हमले दर्ज किए गए. इनमें से 150 से ज्यादा हमले 2008-2010 में दर्ज किए गए हैं जिससे काफी कूटनीतिक रोष पैदा हुआ. 150 से ज्यादा हमलों में से केवल 23 को ही आधिकारिक तौर पर नस्लीय रूप से प्रेरित बताया गया. इसके अलावा साल 2016 में विदेश मंत्री ने 2014 से 2016 तक का डेटा शेयर किया था, जिसमें बताया गया था कि विदेश में रहने वाले भारतीयों पर कितने हमले हुए. इस दौरान सबसे ज्यादा भारतीयों पर हमले अमेरिका में हुए हैं. ब्रिटेन, कनाडा से भी कई नस्लीय हमलों के मामले आए हैं.

ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों पर हमले पर एक नजर 

  • जुलाई 2023 में सिडनी (मेरीलैंड्स) में एक भारतीय छात्र पर खालिस्तानी चरमपंथियों के एक समूह ने लोहे की रॉड से हिंसक हमला किया. हमलावरों ने पिटाई के दौरान खालिस्तान समर्थक नारे लगाए और हमले का वीडियो भी बनाया.
  • अक्टूबर 2022 में सिडनी और ब्रिस्बेन के बीच पैसिफिक हाईवे के पास एक भारतीय पीएचडी छात्र शुभम गर्ग पर एक अजनबी ने 11 बार चाकू से हमला किया. हालांकि आधिकारिक तौर पर नस्लीय कारण की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन हमले की गंभीरता के कारण हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया.
  • 2012 में सिडनी में एक भारतीय जोड़े पर सार्वजनिक रूप से नस्लीय टिप्पणी और शारीरिक हमला किया गया. हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया और उस पर आरोप तय किए गए.
  • जनवरी 2010 में हंग्री जैक्स में काम करने वाले 21 वर्षीय भारतीय छात्र नितिन गर्ग की मेलबर्न में काम पर जाते समय चाकू मारकर हत्या कर दी गई. उनकी मौत से भारत में आक्रोश फैल गया और भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच गंभीर कूटनीतिक चर्चाएं हुईं.
  • जून 2009 में मेलबर्न में एक अज्ञात भारतीय छात्र पर डकैती के दौरान हमला किया गया. प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि हमले के दौरान नस्लीय गालियां दी गईं.
  • मई 2009 में मेलबर्न में ट्रेन में सफर के दौरान एक भारतीय छात्र सौरभ शर्मा पर किशोरों के एक समूह ने हमला किया. सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए इस हमले में नस्लीय दुर्व्यवहार भी शामिल था.
  • मई 2009 मेलबर्न में एक पार्टी में भारतीय छात्र श्रवण कुमार पर पेचकस से हमला किया गया. उसके सिर में गंभीर चोटें आईं. इस हमले को नस्लीय भेदभाव से प्रेरित माना गया.
  • 2008 में  मेलबर्न में किराए को लेकर हुए विवाद के बाद एक भारतीय टैक्सी चालक पर यात्रियों ने हमला कर दिया. हमले के दौरान कथित तौर पर नस्लीय गालियां दी गईं, जिसके कारण मेलबर्न में भारतीय चालकों ने टैक्सी हड़ताल और प्रदर्शन किया.

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