चीन में कितने भारतीय रहते हैं, कैसे मिलता है इस देश का वीजा?
साल 2020 में कोरोना महामारी और गलवान घाटी में हुई सैन्य झड़प के बाद सभी टूरिस्ट को सस्पेंड कर दिया था. इसके बाद अप्रैल 2022 में IATA ने नोटिस जारी कर कहा था कि चीनी नागरिकों के टूरिस्ट वीजा अब मान्य नहीं हैं.
भारत द्वारा यह फैसला उस वक्त लिया गया था, जब चीन 22,000 भारतीय छात्रों को वापस उनके देश आने की अनुमति नहीं दे रहा था.
चीन में रहने वाले भारतीयों की बात करें तो तमाम भारतीय काम के लिए सिर्फ चीन में ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों में जाकर बसे हुए हैं.
विदेश मंत्रालय की 2023 की एक रिपोर्ट में भारतीय नागरियों के विदेश में रहने की जानकारी दी गई थी. इसी डेटा की मानें तो चीन में उस वक्त तक कुल 56050 भारतीय नागरिक रह रहे थे.
इसमें 55500 भारतीय प्रवासी यानि की एनआरआई हैं. वहीं जबकि बाकी के 550 भारतीय मूल के लोग हैं. चीन में हिंदू धर्म का समुदाय अल्पसंख्यक है.
चीन में कुल आबादी के एक प्रतिशत से भी कम लोग हिंदू हैं. चीन में सबसे ज्यादा बौद्ध धर्म के लोग रहते हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो उनकी कुल आबादी 18.2 प्रतिशत है.
चीन जाने वाले यात्रियों के लिए केवल कागज या दूतावास वीजा ही उपलब्ध है. भारतीयों के लिए चीन वीज़ा प्रक्रिया में औसतन 4 से 6 वर्किंग डेज लगते हैं. जून 2022 में चीन ने अपनी वीजा नीतियों में ढील देते हुए भारतीय नागरिकों के लिए पर्यटन वीजा देना शुरू किया था.