भारत में आज भी कई ऐसे राज्य हैं, जहां पर काला जादू होता है. हालांकि इसको रोकने के लिए सरकार ने कानून लागू किया है. लेकिन इसके बावजूद उन राज्यों में छुप-छुपाकर काला जादू होता है. आज हम आपको एक ऐसे राज्य के बारे में बताने वाले हैं, जो अपने काला जादू के लिए जाना जाता है. भारत के असम राज्य में एक ऐसा गांव है, जहां पर काला जादू होता है.लोगों का कहना है कि आम नागरिक अगर उस गांव में जाते हैं, तो उनका वापस आना भी मुश्किल होता है. आज हम आपको बताएंगे कि इसके पीछे क्या सच्चाई है. 

कौन सा गांव 

असम की राजधानी गुवाहाटी से 40 किलोमीटर दूर ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बसे मायोंग गांव की कहानी भी कुछ ऐसी है. यह गांव काले जादू के लिए मशहूर है. कहा जाता है कि यहां के लोग अपनी रक्षा के लिए काले जादू का प्रयोग करते हैं. 

मायोंग गांव

मायोंग शब्द संस्कृत भाषा के माया शब्द से बना है. मायोंग गांव का उल्लेख महाभारत काल में भी हुआ है. भीम के मायावी पुत्र घटोत्कच मायोंग के ही राजा थे. ऐसे में यह गांव घटोत्कच का माना जाता है. पुरानी कहानियों के मुताबिक मायोंग में एक जगह है, जिसे बूढ़े मायोंग नाम से जाना जाता है. यहां तांत्रिक साधना करने के बाद तंत्र विद्या में सिद्धि प्राप्त करते हैं. 

काला जादू की वजह से जाती है जान

कई बार अंधविश्वास इंसान को मौत तक भी पहुंचा देती है. उदाहरण के तौर पर समझा जाए तो जिस बीमार व्यक्ति को डॉक्टर की जरूरत है, अगर उसे हम तांत्रिक के पास लेकर जाएंगे तो क्या हाल होगा ?. हालांकि इसको रोकने के लिए असम में अंधविश्वास के खिलाफ कानून लागू है. असम का विच हंटिंग (प्रोहिबिशन, प्रिवेंशन, प्रोटेक्शन) एक्ट 2015 यातनाओं के विभिन्न प्रकार पर पाबंदी लगाता है. इनमें पत्थर मारना, लटका देना, चाकू भोंकना, घसीटना, सार्वजनिक पिटाई करना, जलाना, बालों को काट देना या जलाना, जबरन मुंडन करा देना, दांत तोड़ देना, नाक या शरीर का अन्य कोई अंग भंग करना, चेहरा काला करना, कोड़े लगाना, किसी गर्म चीज से या पैने हथियार से शरीर पर निशान बना देना आदि अंधविश्वास की गतिविधियां शामिल हैं.

 

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