Arun Yogiraj Vijetha Love Story: प्यार दोस्ती है... अगर वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त नहीं बन सकती तो मैं उससे कभी प्यार ही नहीं कर सकता. क्योंकि दोस्ती बिना तो प्यार होता ही नहीं है. सिंपल, प्यार दोस्ती है... कहने को तो यह फिल्म 'कुछ कुछ होता है' का डायलॉग है, लेकिन अयोध्या के लिए प्रभु श्रीराम की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज की जिंदगी पर एकदम सटीक उतरता है. दरअसल, अरुण और उनकी पत्नी विजेता की लव स्टोरी की शुरुआत भी दोस्ती से हुई थी, जिसका खुलासा विजेता ने एबीपी न्यूज के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में किया. 


इस वजह से सुर्खियों में अरुण योगीराज


कर्नाटक के दिग्गज मूर्तिकारों में शुमार अरुण योगीराज इस वक्त सुर्खियों में हैं. दरअसल, उनकी बनाई प्रभु श्रीराम की मूर्ति को अयोध्या में राम मंदिर के लिए चुन लिया गया है. इसकी जानकारी श्री रामजन्मभूमि ट्रस्ट ने तीर्थ क्षेत्र ने ट्वीट करके दी. ट्रस्ट की ओर से किए गए ट्वीट में लिखा है, 'कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा कृष्णशिला पर निर्मित मूर्ति का चयन भगवान श्री रामलला सरकार के श्री विग्रह के रूप में प्रतिष्ठित होने हेतु किया गया है.' बता दें कि अरुण योगीराज की मूर्ति को चुने जाने की खबरें काफी पहले से सामने आ रही थीं, लेकिन अब उस पर फाइनल मुहर लग गई है.


ऐसा रहता है अरुण योगीराज का लाइफस्टाइल


एबीपी न्यूज ने अरुण योगीराज की पत्नी विजेता से फोन पर बातचीत की. इस दौरान उनसे अरुण के लाइफस्टाइल के बारे में भी चर्चा की गई. विजेता ने बताया कि अरुण एथलीट की तरह रुटीन फॉलो करते हैं. वह जब काम शुरू करते हैं तो करीब 10 घंटे तक लगातार काम करते रहते हैं. कई बार तो वह इससे ज्यादा देर तक काम करते रहते हैं.


करीब 10-12 साल पहले हुई थी शादी


एबीपी ने विजेता से उनकी शादी को लेकर सवाल पूछा था. उनसे पूछा गया था कि आपकी शादी को कितना वक्त हो गया? विजेता ने बताया कि उनकी शादी को करीब 10-12 साल बीत चुके हैं. उनके दो बच्चे हैं. 


विजेता ने यूं बयां की मुहब्बत की दास्तां


जब विजेता से पूछा गया कि आपने अरेंज मैरिज की थी या लव मैरिज तो वह शर्मा गईं. उन्होंने हंसते हुए कहा कि यह काफी पर्सनल सवाल है, लेकिन हमारी लव मैरिज हुई थी. दरअसल, दोनों के परिवार पहले से दोस्त हैं. ऐसे में दोनों की बातें और मुलाकातें अक्सर होती रहती थीं. धीरे-धीरे दोनों करीब आते चले गए और दोनों हमेशा-हमेशा के लिए सात फेरों के बंधन में बंध गए. 


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