Job in Israel: अगर आप इजरायल में नौकरी करने के लिए जाने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है. इजरायल में बड़ी मात्रा में कामगारों की भर्ती निकली है. इस संबंध में एक विज्ञापन भी जारी हुआ है, लेकिन बड़ी बात ये है कि इजरायल जाने वाले भारतीय कामगार सरकार के 'ई-माइग्रेट' पोर्टल के तहत प्रोटेक्शन (सुरक्षा) के पात्र नहीं होंगे. उन्हें अपनी यात्रा, घर, बीमा के लिए खुद ही भुगतान करना होगा.
वहीं, कार्यकर्ताओं और ट्रेड यूनियनों का कहना है कि केंद्र सरकार उन सभी सुरक्षा को दरकिनार कर रही है जो वह आम तौर पर संघर्ष क्षेत्रों में विदेश जाने वाले भारतीय श्रमिकों के लिए करती है. वास्तव में, इन श्रमिकों को विदेश मंत्रालय (एमईए) की ओर से चलने वाली 'ई-माइग्रेट' पोर्टल पर खुद को रजिस्टर्ड करना जरूरी नहीं होगा. कई सरकारी मंत्रालयों और एजेंसियों ने श्रमिकों के कल्याण और सुरक्षा के लिए किसी भी जिम्मेदारी से इनकार कर दिया है.
AITUC ने केंद्र के इस कदम को बताया अमानवीय
वहीं, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) की ओर से श्रमिकों के लिए जारी एक डिटेल डॉक्युमेंट्स के बाद वर्कर्स अदालतों का रुख करने की योजना बना रहे हैं. इस कदम को अमानवीय बताते हुए ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी) ने चेतावनी दी है कि गाजा और वेस्ट बैंक में इजरायली कार्रवाई जारी रहने के बावजूद भारतीय कंस्ट्रक्शन वर्कर्स, नर्सों और देखभाल करने वालों की भर्ती में तेजी लाने का सरकार का फैसला उन्हें नुकसान पहुंचाएगा.
सैलरी से ज्यादा मजदूरों का होगा खर्चा
हाल ही में सरकार ने इजरायल के लिए जो वैकेंसी निकाली है उसमें बेशक ज्यादा और आकर्षक वेतन नजर आता हो, लेकिन इसमें मजदूरों के कॉन्ट्रैक्चुअल सुरक्षा की कोई जानकारी नहीं है. एआईटीयूसी का कहना है कि नए नियम के बाद एनएसडीसी को सुविधा शुल्क के रूप में ₹10,000 रुपये देने के अलावा, श्रमिकों से इजरायल के लिए अपने टिकट के लिए पेमेंट करने की भी अपेक्षा की जाएगी.
इजरायल 'ई-माइग्रेट' का हिस्सा नहीं
वर्तमान में, अगर देश से कोई श्रमिक संघर्ष क्षेत्रों या पर्याप्त श्रम सुरक्षा के बिना दूसरे देश जाता है तो विदेश मंत्रालय के 'ई-माइग्रेट' पोर्टल पर इन श्रमिकों का पंजीकरण कराना आवश्यक है. इसी से उन्हें सरकार से सुरक्षा मिलती है. ईसीआर (उत्प्रवास जांच आवश्यक) योजना के तहत जारी किए गए पासपोर्ट अफगानिस्तान, बहरीन, इंडोनेशिया, इराक, जॉर्डन, सऊदी अरब, कुवैत, लेबनान, लीबिया, मलेशिया, ओमान, कतर, दक्षिण सूडान, सूडान, सीरिया, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और यमन सहित 18 देशों की यात्रा करने वाले श्रमिकों को कवर करते हैं. मौजूदा संघर्ष में विदेशी कामगारों की मौत के बावजूद सरकार ने इजरायल को उस सूची में शामिल नहीं किया है.
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