भारतीय क्रिकेट में जिन्हें मास्टर ब्लास्टर की उपाधि दी गई है, उन सचिन तेंदुलकर को कौन नहीं जानता. क्रिकेट के इतिहास में उनके जैसा बेहतरीन बैट्समैन विरले ही देखने को मिलता है. लेकिन अब सचिन तेंदुलकर क्रिकेट से रिटायर हो चुके हैं और तेंदुलकर परिवार के लेगसी को क्रिकेट में आगे बढ़ाने के लिए सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर ने कदम बढ़ाया है. अर्जुन तेंदुलकर लेफ्ट हैंड मीडियम फास्ट बॉलर हैं और लेफ्ट हैंड बैट्समैन भी हैं. इंडियन प्रीमियर लीग में मुंबई इंडियन की तरफ से खेलने वाले अर्जुन तेंदुलकर की बॉलिंग तो आपने जरूर देखी होगी... लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन क्या है. चलिए आज आपको उसी के बारे में बताते हैं.


कितना पढ़े लिखे हैं अर्जुन तेंदुलकर


अर्जुन तेंदुलकर ने ना सिर्फ 12वीं तक अपनी स्कूलिंग पूरी की है, बल्कि उन्होंने देश के एक प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन भी किया है. अर्जुन तेंदुलकर ने अपनी स्कूल की पढ़ाई मुंबई में धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल से की है. 12वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद अर्जुन तेंदुलकर ने मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की है. हालांकि, उन्होंने किस सब्जेक्ट से ग्रेजुएशन किया है इसकी जानकारी फिलहाल उपलब्ध नहीं है.


हाल ही में जड़ा था अपने आईपीएल करियर का पहला छक्का


अर्जुन तेंदुलकर भी पिता सचिन तेंदुलकर की राह पर एक बेहतरीन क्रिकेटर बनने के लिए आगे बढ़ रहे हैं... इसमें कोई दो राय नहीं है. हाल ही में गुजरात टाइटंस के साथ मुकाबले में मुंबई इंडियंस की तरफ से खेलते हुए अर्जुन तेंदुलकर ने अपने आईपीएल करियर का पहला छक्का जड़ा था.


दरअसल 25 अप्रैल को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में गुजरात टाइटंस और मुंबई इंडियंस के बीच मुकाबला चल रहा था, इस मैच में गुजरात टाइटंस की तरफ से मोहित शर्मा 20वां ओवर डाल रहे थे और बैटिंग स्ट्राइक पर थे अर्जुन तेंदुलकर. जैसे ही मोहित शर्मा ने अपनी पहली शॉट गेंद डाली... अर्जुन तेंदुलकर ने एक जबरदस्त पुल शॉट खेल दिया. इस शॉट में इतना दम था कि बॉल सीधा सीमा रेखा के बाहर जा गिरी और इस तरह अर्जुन तेंदुलकर ने अपने आईपीएल करियर का पहला छक्का लगभग 73 मीटर का जड़ा. उनके इस छक्के का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग इसे जमकर शेयर कर रहे हैं.


ये भी पढ़ें: Solar Halo: सूरज के चारो तरफ गोला कब और क्यों बनता है और इसे सोलर हालो क्यों कहा जाता है?