दिल्ली विधानसभा चुनाव के रुझान अब नतीजों में बदलने लगे हैं. दिल्ली की 70 में से ज्यादातर सीटों के नतीजे आ चुके हैं. हालांकि कुछ एक सीटों पर अंतिम दौर की गिनती जारी है. लेकिन इस बीच यह साफ हो गया है कि 27 साल बाद दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल्ली में चुनाव हारने वाले विधायकों को अब कितने दिनों में बंगला खाली करना पड़ सकता है. आज हम आपको उससे जुड़ा नियम बताएंगे.
बीजेपी की हुई जीत
दिल्ली में 70 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी स्पष्ट बहुमत के लिए जरूरी सीटों (36) का आंकड़ा पार करके 50 के करीब पहुंच चुकी है, उसके खाते में 48 सीटें आती नजर आ रही है. वहीं आम आदमी पार्टी 22 सीट पर सिमटती दिख रही है. कांग्रेस समेत अन्य तमाम दलों की झोली इस चुनाव में पूरी तरह खाली रही है.
कब खाली करना होता सरकारी बंगला?
अब सवाल ये है कि दिल्ली में हार का सामना करने वाले विधायकों को सरकारी बंगला कब खाली करना होगा? जानकारी के मुताबिक दिल्ली विधानसभा चुनाव में जिन नेताओं की हार होती है, उन्हें सरकारी बंगला खाली करना होता है. नियमों के मुताबिक हारने वाले विधायकों को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा नोटिस भेजा जाता है. इस नोटिस के पहुंचने के 1 महीने के अंदर विधायकों को अपना सरकारी आवास खाली करना होता है. ऐसा नहीं करने पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
नेताओं के लिए कानून
बता दें कि देश के नेताओं के लिए भी कानून है. बता दें कि नेताओं से बंगलों को खाली कराने के लिए मोदी सरकार 2019 में एक कानून लेकर आई थी. इस कानून के मुताबिक अगर तय समय के अंदर कोई बंगला नहीं खाली करता है, तो उससे 10 लाख रुपए का जुर्माना वसूला जा सकता है. नोटिस दिए जाने के बाद सरकार बंगला खाली करवाने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है.
क्या है मिलती है सुविधाएं
अब आप सोच रहे होंगे कि सरकारी बंगला खाली करवाने के अलावा और क्या सुविधाएं दी जाती हैं? बता दें कि देश के और राज्यों की तरह ही दिल्ली में भी पूर्व विधायकों को पेंशन और बहुत सारे भत्ते दिए जाते हैं. अभी दिल्ली के पूर्व विधायकों को हर महीने 30,000 रुपये की पेंशन दी जाती है, वहीं अगर कोई विधायक एक बार से ज्यादा बार विधायक रहा है, तो हर कार्यकाल के हिसाब से उसकी पेंशन में 1000 रुपये की अतिरिक्त बढ़ोतरी कर दी जाती है. वहीं अगर किसी पूर्व विधायक की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को 50% तक की पेंशन दी जाती है.
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