9/11 Remembrance Day: 11 सितंबर 2001 को अमेरिका ने अपने इतिहास का सबसे बड़ा आतंकी हमला झेला. अल-कायदा से जुड़े आतंकियों ने चार यात्री विमानों का अपहरण कर लिया. इनमें से दो विमान अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 11 और यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 175 को न्यूयॉर्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की उत्तरी और दक्षिणी टॉवर से टकरा दिया गया. 

11 सितंबर 2001 को अमेरिका में हुआ यह हमला इस देश के इतिहास का काला दिन कहलाता है जिसने हजारों जिंदगियां निगल लीं. इसमें कुछ लोग ऐसे भी थे जो बस एक छोटी-सी देरी, या अनचाहे बदलाव की वजह से बच निकले. उनकी कहानियां आज भी सुनने वालों को हैरान कर देती हैं.

नई नौकरी और किस्मत का खेल

पहला किस्सा जॉन ओ’नील का है, जो FBI छोड़कर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में सुरक्षा प्रमुख बने थे. 11 सितंबर की सुबह ही उन्होंने बिल्डिंग का मुआयना करना था. हालांकि, हमले से कुछ मिनट पहले वे बाहर निकले और दोबारा अंदर नहीं जा पाए इस वजह से वे जिंदा बच गए.

लेट ट्रेन ने बचा ली जान

सारा रोजाना सुबह 8:30 तक अपनी 99वीं मंजिल वाली ऑफिस डेस्क पर पहुंच जाती थीं, लेकिन 11 सितंबर को उनकी सबवे ट्रेन अचानक 20 मिनट देर से चली. उसी वजह से वो ऑफिस पहुंच ही नहीं पाईं और उनकी जान बच गई.

दोस्त की खातिर रुके और बाहर जाने वालों की जान बची

जलमैनोविट्ज खुद नहीं बच सके, लेकिन उनकी वजह से कई लोग सुरक्षित बाहर निकल पाए. वो अपने व्हीलचेयर पर बैठे दोस्त के साथ टॉवर में रुके रहे और बाहर निकलने वाले रास्ते खाली रखे. वहीं, उनके फ्लोर के कई लोग इस मौके का फायदा उठाकर बाहर निकल पाए.

जॉब इंटरव्यू और कॉफी के शौक ने बचाई जान

ग्रीनबर्ग का ऑफिस उत्तर टॉवर में था, लेकिन उस सुबह उन्हें एक और कंपनी में इंटरव्यू के लिए जाना था. इस वजह से वो टॉवर में पहुंचे ही नहीं. बाद में उन्होंने कहा कि एक इंटरव्यू ने मेरी जिंदगी बदल दी. वहीं रॉबर्ट रोजाना ऑफिस पहुंचकर कॉफी पीते थे, लेकिन 11 सितंबर को उन्होंने सोचा कि रास्ते में ही एक स्पेशल कॉफी खरीद लें. उसी 10 मिनट की देरी ने उन्हें टॉवर से दूर रखा और उनकी जान बच गई.

डॉक्टर की अपॉइंटमेंट और अचानक छुट्टी का फैसला

रेचल हर मंगलवार को समय से ऑफिस पहुंचती थीं, लेकिन उस दिन उनकी डॉक्टर से चेकअप की अपॉइंटमेंट थी. वे ऑफिस 9 बजे के बाद पहुंची, जब तक टॉवर पर हमला हो चुका था. उधर माइक की पत्नी की तबियत रात को खराब हो गई थी. उन्होंने सोचा कि आज ऑफिस न जाकर पत्नी को डॉक्टर के पास ले जाएं. यही फैसला उनकी जान बचाने का कारण बना.

नौकरी से निकाले गए और जान बच गई

हमले से सिर्फ एक दिन पहले कर्स्टन को नौकरी से निकाल दिया गया था. 11 सितंबर को वे हमेशा की तरह ऑफिस पहुंचते, लेकिन नए हालात की वजह से वह घर में ही थे और जिंदा बच गए. वहीं, एक और शख्स डेविड हर रोज समय पर ऑफिस जाते थे, लेकिन उस दिन उन्होंने अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने का वादा किया था. जिससे वे अपनी बेटी को छोड़ने स्कूल चले गए और उनकी जान बच गई. ऐसी न जानें और कितनी कहानियां हैं, जो लोग हमले के दौरान किस्मत से बच गए.

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