8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन को औपचारिक रूप दे दिया है. वित्त मंत्रालय ने 3 नवंबर को इसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस और सदस्यों के नामों का गजट नोटिफिकेशन जारी किया. इस कदम के साथ सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की सैलरी और भत्तों में बदलाव की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं. लेकिन यहां यह समझने की जरूरत है कि आखिर 18 महीने की सिफारिश के बाद आखिर बढ़ी हुई सैलरी कब मिलेगी.
कब से लागू होगा नया वेतन आयोग?
आठवें वेतन आयोग की अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई होंगी. पंकज जैन सदस्य-सचिव और प्रोफेसर पुलक घोष को पार्ट-टाइम सदस्य नियुक्त किया गया है. आयोग की जिम्मेदारी अब अगले 18 महीनों में सिफारिशें तैयार करना है. यानी, कर्मचारियों की नई सैलरी 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती है, लेकिन पूरी प्रक्रिया में थोड़ा धैर्य रखना पड़ेगा.
कब मिलेगी पहली बढ़ी हुई सैलरी?
अगर हम पुराने ट्रेंड की बात करें, तो पिछली बार भी आयोग की सिफारिशें तैयार होने और लागू होने में लगभग 18 महीने लगे थे. इसका मतलब यह है कि नई सैलरी और भत्ते 2026 से लागू होने के बाद भी पूरी तरह से कर्मचारियों की जेब तक पहुंचने में समय लगेगा. विशेषज्ञों के मुताबिक, असल में पहली नई सैलरी का पूरा फायदा 2028 तक ही दिखाई दे सकता है.
कितने कर्मचारियों को होगा फायदा
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 8वें वेतन आयोग से करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा. यह फायदा केवल बेसिक सैलरी तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भत्तों, यात्रा भत्ते, घर भत्ते और अन्य सुविधाओं में भी वृद्धि होगी. एरियर की रकम एकमुश्त या किस्तों में दी जा सकती है, जो कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति में महत्वपूर्ण राहत देगी.
गुणा-गणित
यदि हम कैल्कुलेशन के दृष्टिकोण से देखें, तो मान लीजिए किसी कर्मचारी की वर्तमान सैलरी 50,000 रुपये है और आयोग 20% वृद्धि की सिफारिश करता है. इसका मतलब है कि नई सैलरी लगभग 60,000 रुपये हो जाएगी. 18 महीने का एरियर लगभग 9,00,000 रुपये तक हो सकता है, जिसे कर्मचारियों को किस्तों में या एकमुश्त दिया जाएगा. यह रकम लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए जीवन स्तर में सुधार ला सकती है. 2026 से नई सैलरी की उम्मीद है, लेकिन असली राहत 2028 तक ही दिखेगी. कुल मिलाकर, 8वां केंद्रीय वेतन आयोग कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी आर्थिक खबर है.
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