चीन के शहर वुहान से निकले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रही है. इस वायरस की वजह से अब तक करीब 60 हजार लोगों की मौत हो चुकी है और दो लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हैं. संक्रमण न फैले, इसके लिए भारत, इटली, अमेरिका, ब्रिटेन और स्पेन जैसे कई देशों ने अपने-अपने यहां लॉकडाउन घोषित कर रखा है. इसके बाद भी वायरस का संक्रमण फैलता ही जा रहा है. और इसका संक्रमण न फैले, इसके लिए डॉक्टरों ने बीमारी की शुरुआत में ही जो दो सावधानियां बताई थीं, उनमें से एक था सोशल डिस्टेंसिंग और दूसरा था हाथ न मिलाना.
डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना इंसानों से इंसानों में फैल रहा है. और इसलिए इंसानों के सोशल डिस्टेंसिंग की बात की जा रही है. लेकिन अगर कोई आदमी किसी मजबूरी की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग न भी कर रहा हो और उसे लोगों से मिलना पड़ रहा हो, तो उसे हाथ नहीं मिलाना चाहिए. क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. कैसे, उसे एक उदाहण से समझते हैं.
मान लीजिए कि कोई शख्स कोरोना पॉजिटिव है, लेकिन उसे पता नहीं है. उसे छींक आती है. छींकने के दौरान मुंह से या फिर नाक से पानी जैसी कुछ बूंदे निकलती हैं और इनमें कोरोना का वायरस होता ही होता है. अब अगर वो आदमी छींकते वक्त अपना हाथ मुंह पर रखता है और छींकने के बाद हाथ को साबुन से नहीं धोता है. फिर कोई सामान्य आदमी उससे मिलता है और हाथ मिलाता है. और इसके बाद वो सामान्य आदमी अपना हाथ अपने मुंह या नाक पर ले जाता है. और ऐसा करते ही कोरोना का वायरस उसके शरीर में भी अंदर घुस जाता है. और फिर 10-12 दिनों के बाद उस शख्स में कोरोना के लक्षण दिखने लगते हैं. अब वो किसी और से मिलेगा, कोई और उससे हाथ मिलाएगा और फिर संक्रमण की चेन आगे बढ़ती जाएगी.
हाथ न मिलाने से ये चेन टूट सकती है और संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है. क्योंकि अभी तक पूरी दुनिया में संक्रमण के जितने मामले सामने आए हैं, उनमें से 80 फीसदी मामलों में संक्रमण छींकने-खांसने के दौरान निकलने वाले ड्रॉपलेट की वजह से ही फैला है. इसलिए डॉक्टरों ने शुरुआती दौर में ही कहा था कि अगर किसी से मिलिए तो हाथ न मिलाइए, उसे नमस्ते करिए.