ब्रिटेन: कोरोना वायरस महामारी का सामना कर रही दुनिया के सामने कई चुनौतियां हैं. सबसे बड़ी चुनौती बीमारी के इलाज को ढूंढने की है. वैज्ञानिक दिन रात इसकी दवा या वैक्सीन तलाश करने में लगे हैं. इसी चुनौती के बीच ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 टेस्ट करने की एक अनोखी पहल की है.
कोविड-19 टेस्ट की अनोखी तकनीक विकसित !
डॉयगनोस्टिक टेस्ट कई मायनों में अलग है. नये टेस्ट की तकनीक से कोरोना वायरस के लक्षण से पहले ही संक्रमण का पता चल जागा. घर पर ही डॉयगनोस्टिक टेस्ट के लिए ब्लड, पेशाब या लार का सैंपल लिया जा सकता है. प्रेगनेंसी टेस्ट की तर्ज पर किया जानेवाला डॉयगनोस्टिक टेस्ट का नतीजा मिनटों में मालूम हो जाएगा. इसके बाद इस बात की पुष्टि हो जाएगी कि किसी शख्स को आइसोलेशन में जाना चाहिए या नहीं. टेस्ट नतीजे के आधार पर उसे मेलजोल रखने या काम पर जाने का फैसला लेने में सुविधा हो जाएगी.
महामारी की लड़ाई में हो सकता है कारगर हथियार
सरकार की तरफ से कोरोना वायरस के दो टेस्ट को विस्तार दिया जा रहा है. एक स्वैब टेस्ट और दूसरा एंटी बॉडी टेस्ट. स्वैब टेस्ट के जरिए कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होती है जबकि एंटी बॉडी टेस्ट बताता है कि क्या किसी शख्स को पहले संक्रमण था और अब ठीक हो गया है ? माना जा रहा है कि कोविड-19 टेस्टिंग की नई तकनीक से जंग में ये कारगर हथियार साबित हो सकता है. वैज्ञानिकों को विश्वास है कि कोविड-19 टेस्ट की सुविधा से संक्रमण का फैलाव नहीं होगा.
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