आगामी स्वतंत्रता दिवस पर राजधानी दिल्ली में होने वाली पतंगबाजी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने चाइनीज मांझे का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है. चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध के बावजूद इसकी बिक्री पुलिस व प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़ा करती है. दिल्ली में साल 2017 में ही इसपर प्रतिबंध लगाया गया था. लेकिन इसके बावजूद भी कई जगहों पर इसकी धड़ल्ले से बिक्री की जा रही है.
पूर्व में दिल्ली में कई ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं जहां चाइनीज मांझे की वजह से लोग घायल हुए हैं. हाल ही में पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर फ्लाईओवर पर स्कूटी सवार एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी. वहीं, नंदनगरी में भी एक बाइक सवार व्यक्ति भी मांझे से जख्मी हो गया था. स्थिति को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली सरकार ने एक बार फिर से चाइनीज मांझे का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है. नियम तोड़ने वालों को 5 साल तक की जेल हो सकती है.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जुलाई 2017 में लगाया था बैन
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने जुलाई 2017 में खतरनाक चीनी मांझे की बिक्री पर पूरे देश में बैन लगा दिया था. पीपल्स फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल (पीटा की अर्जी पर यह आदेश आया था. इसमें कहा गया था कि पतंग उड़ाना देश की परंपरा रही है. लेकिन खतरनाक चीनी मांझे से पशु-पक्षी और लोग बुरी तरह जख्मी हो जाते हैं. मांझा बनाने वाली कंपनियां सुप्रीम कोर्ट गईं, जिन्हें वहां से राहत नहीं मिली.
जानिए कैसे बनता है चाइनीज मांझा
चाइनीज मांझा नायलान और सिंथेटिक धागे से बनता है. कांच और अन्य धातु का भी प्रयोग किया जाता है, जिससे यह बिजली का संवाहक बन जाता है. इसके बिजली के तार व अन्य उपकरणों के संपर्क में आने से करंट लगने का खतरा रहता है. इस तरह की मांझे से दिल्ली सहित पूरे देश में कई लोगों की जान चली गई है. इससे पहले राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने भी सभी राज्यों से इसके इस्तेमाल पर रोक लगाने का आदेश दिया था. आमतौर पर मांझा धागे से बनता है. उसपर कांच की लेयर चढ़ाई जाती है. साधारण मांझा भी धार की वजह से काफी खतरनाक होता है. लेकिन यह आसानी से टूट जाता है. ऐसे में यह खतरनाक होता है. चाइनीज मांझा खास मैटेरियल से बनता है, जिसे तोड़ना काफी मुश्किल होता है. इसलिए यह ज्यादा खतरनाक है. चाइनीज मांझे को विशेष तौर पर तैयार किया जाता है. चाइनीज मांझे को बनाने में कुल पांच प्रकार की केमिकल और अन्य धातुओं का प्रयोग किया जाता है. इनमें सीसा, वजरम नामक औद्योगिक गौंद, मैदा फलौर, एल्युमीनियम ओक्साइड और जिरकोनिया आॅक्साइड का प्रयोग होता है. इन सभी चीजों के मिक्स होने पर तेज धार वाला चाइनीज मांझा तैयार होता है.
चाइनीज मांझे से एक्सीडेंट होने का खतरा ज्यादा
चाइनीज मांझा काफी धारदार होता है. यह इलेक्ट्रिक कंडक्टर होता है, ऐसे में इससे करंट आने का खतरा रहता है. साथ ही यह आसानी से टूटता नहीं है और किसी के गले या फंस जाता है. इससे ज्यादा दुपहिया वाहनों के चालकों को होती है, क्योंकि कटी हुई पतंग की डोर उनके गले में फंसने का डर रहता है. इससे एक्सीडेंट होने का खतरा होता है या फिर मांझे से लोग घायल हो जाते हैं. आमतौर पर मांझा हल्के झटके के बाद टूट जाता है. लेकिन कई बार यह जानलेवा भी होता जाता है. हर साल मांझे से घायल होने के कई मामले सामने आते हैं.
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