जब से पूरे देश में कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लगाया गया, तब से लेकर अब तक इस महामारी ने कई लोगों के काम करने के तरीके और उनके अन्य रूटीन को काफी बदल दिया है. कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन लगाना कोई आसान काम नहीं था. भारत में जिस तरह से भिन्न-भिन्न धर्म, जाति के लोग रहते हैं वैसे में इस महामारी में सबको लॉकडाउन में बांध कर रखना काफी मुश्किल भरा काम था.


इस लॉकडाउन को सुचारू रूप से लगाए रहने के लिए लोगों को कई मौके पर पुलिस के असामान्य एक्शन का भी सामना करना पड़ा. कई जगहों पर पुलिस को भी मुश्किलें उठानी पड़ी. पुलिस को लॉकडाउन सही तहर से लागू करवाने के लिए और परिस्थियों को सामन्य बनाकर रखने के लिए अधिकार दिए गए थे.


लॉकडाउन के दौरान पुलिस का रवैया


हाल ही में जारी लोकनीति सीएसडीएस और सामान्य कारण रिपोर्ट के अनुसार पुलिस का व्यवहार लॉकडाउन में काफी बदल दिया. 10 में से 9 पुलिसवालों का मानना है कि पुलिस की प्रकृति लॉकडाउन में सामान्य समय के मुकाबले काफी बदली है. पुलिस के लिए आम जनता कि तरह लॉकडाउन बिल्कुल ही नया था, लॉकडाउन के लिए पुलिस को न तो पहले कभी ट्रेनिंग मिली थी ना पुलिस इसके लिए तैयार थी.


रिपोर्ट में आए अलग तरह के नतीजे


लोकनीति सीएसडीएस और सामान्य कारण रिपोर्ट ने यह अध्ययन कोविड-19 महमारी के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित 10 राज्यों के 19 शहरों में 2,409 नागरिकों और 1,198 पुलिस की मदद से किया. इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक ये रिपोर्ट आई है.


लोगों का मिलाजुला रिएक्शन


इस अध्ययन में पुलिस की प्रकृति और उसमें आए बदलाव पर लोगों ने मिली-जुली प्रतिक्रियाएं दी. इन प्रतिक्रियाओं में 40 प्रतिशत लोगों ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पुलिस ने आम लोगों की मदद की है. वहीं 60 प्रतिशत लोगों ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पुलिस ने नागरिकों पर अपना बल दिखाया है. ठीक इसी तरह से 60 प्रतिशत आबादी ने यह भी कहा कि लॉकडाउन के दौरान पुलिस ने आम नागरिकों से खराब व्यवहार किया है और उनसे काफी गलत लहजे में बात-चीत की है. 33 प्रतिशत लोगों ने यह भी माना कि लॉकडाउन में बढ़ें परेशानियों के कारण पुलिस और आम नागरिकों के बीच झड़प हुई, क्योंकि लॉकडाउन के लिए न लोग अभ्यसत थे ना ही पुलिस व्यवस्था.


एक चौथाई से अधिक पुलिस कर्मियों ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन में लोगों को रोकना काफी बड़ी चुनौती थी. 45 प्रतिशत से अधिक पुलिसवालों ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान यात्रा पास की जांच करते वक्त लोगों से टकराव हुआ. 66 प्रतिशत पुलिसवालों ने कहा कि उन्होंने छोटी मोटी सजा देकर लोगों को इस लॉकडाउन में छोड़ा है.


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