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बिपरजॉय का ग्लोबल वार्मिंग कनेक्शन, क्या टूटने वाला है पिछले 10 सालों के तूफानों का रिकॉर्ड

नाज़िया नाज़   |  19 Jun 2023 09:33 AM (IST)

बिपरजॉय तूफान 25 साल बाद गुजरात तट को पार करने वाला पहला तूफान है. गुजरात के बाद इसके राजस्थान में पंहुचने की संभावना है. माना जा रहा है कि ये तूफान पिछले 10 सालों में आए तुफानों का रिकॉर्ड तोड़ देगा.

बिपरजॉय तूफान से अबतक सात लोगों की मौत

इस साल अरब सागर में बनने वाला पहला तूफान 'बिपरजॉय' तेजी से गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है. बिपरजॉय गुजरात के पास दक्षिण पूर्व अरब सागर में पहुंचने वाला है. तूफान की वजह से 15 जून को आंधी-तूफान का अंदेशा है. 15 जून को तूफान दोपहर तक जखाऊ बंदरगाह (गुजरात), मांडवी (गुजरात) और कराची (पाकिस्तान) के बीच से होकर गुजरेगा. 16 जून को राजस्थान पहुंचने की आशंका है. आईएमडी के अनुसार हवा की अधिकतम गति 125-135 किमी प्रति घंटे से 150 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है.

मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को तूफान कुछ कमजोर हुआ है, लेकिन यह अब भी खतरनाक बना हुआ है. ये तूफान 15 जून की दोपहर को कच्छ जिले के जखौ पोर्ट से टकराने वाला है. मौसम विभाग के मुताबिक इस तूफान के टकराने से 150 किमी/घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है. गुजरात और मुंबई के तटीय इलाकों में तूफान की वजह से आंधी-बारिश जारी है. गुजरात और महाराष्ट्र से अब तक 7 लोगों की मौत की खबर है. 

बता दें कि 11 जून 2023 तक तूफान बिपरजॉय को गंभीर चक्रवाती तूफान माना जा रहा था. उसके बाद ये अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है. अत्यंत गंभीर चक्रवात तब बनते हैं जब हवा की गति 168-221 किलोमीटर प्रति घंटे (किमी प्रति घंटे) हो जाती है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक 12 जून को सुबह 11.30 बजे तक हवा की गति 165-175 से 190 किमी प्रति घंटे तक थी. 

10 जून को दोपहर 2.30 बजे आईएमडी ने चेतावनी दी कि चक्रवात एक अत्यंत गंभीर चक्रवात में बदल जाएगा. भविष्यवाणी सटीक थी. चक्रवात 11 जून को सुबह 5.30 बजे एक अत्यंत गंभीर चक्रवात में तब्दील हो गया, और अभी तक खतरनाक बना हुआ है. 

गुजरात के कई इलाकों में बिपरजॉय का असर, अरावली जिले में भारी बारिश

गुजरात के कई जिलों में चक्रवात बिपरजॉय का असर 14 जून बुधवार से ही दिखना शुरू हो गया है. इसके चलते कई इलाकों में भारी बारिश देखने को मिल रही है, अरावली जिले में भारी बारिश हुई है. गुजरात के कई इलाकों में ऑरेंज अलर्ट जारी है.

एनडीआरएफ की 17, और एसडीआरएफ की 13 टीम प्रभावित इलाके में तैनात की जा चुकी हैं. गुजरात में 21 हजार से ज्यादा नावों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है. कच्छ जिले में धारा 144 लगा दी गई है. गुजरात के कच्छ, द्वारका, जामनगर, पोरबंदर, राजकोट, मोरबी और जूनागढ़ में 14 से 15 जून तक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है.स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने गुजरात के कंडाल पोर्ट का दौरा किया है. तूफान की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एक इमरजेंसी मीटिंग की.

गुजरात के कुल 8 जिलों में अलर्ट जारी है. इनमें कच्छ, राजकोट, भावनगर, पोरबंदर, गिर-सोमनाथ, द्वारका, जखौ, जाफराबाद शामिल हैं. तूफान बिपरजॉय 25 साल बाद गुजरात तट को पार करने वाला पहला तूफान है. ये हवा की गति 48-63 किलोमीटर प्रति घंटे या उससे अधिक श्रेणी का पांचवां चक्रवात है. बिपरजॉय पिछले 58 साल में जून में अरब सागर में विकसित होने वाला तीसरा 'अत्यंत गंभीर' चक्रवात है.

कितना खतरनाक होगा इस तूफान का असर

बिपरजॉय तूफान हाल के दिनों में सबसे ज्यादा समय तक रहने वाला तूफान है. बता दें कि 6 दिन पहले उठा ये तूफान अभी तक शांत नहीं हुआ है. इसके 10 दिनों तक बने रहने की आशंका है. IIT मद्रास की स्टडी ने चक्रवात की गंभीरता का कनेक्शन ग्लोबल वार्मिंग बताया है. स्टडी में कहा गया कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान लगातार गंभीर होते जा रहे हैं.

आईआईटी बॉम्बे की स्टडी के मुताबिक "जलवायु परिवर्तन की वजह से ग्लोबल वार्मिंग हुई है. इसके कारण महासागर पहले से ही गर्म हो गए हैं. अरब सागर मार्च के बाद से लगभग 1.2 डिग्री सेल्सियस तक गर्म हो गया है. 

संयुक्त राष्ट्र की जलवायु रिपोर्टों में यह कहा गया है कि उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की तीव्रता गर्म जलवायु में बढ़ेगी. 2019 में जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल की एक रिपोर्ट में पाया गया कि 1950 के दशक के बाद से हिंद महासागर में सबसे तेजी से समुद्री सतह गर्म हुई है.

संयुक्त राष्ट्र अपनी रिपोर्ट में कह चुका है कि जलवायु परिवर्तन के युग में तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाएं न केवल बढ़ेगी और इससे बचा नहीं जा सकता है. 

बिपरजॉय तूफान भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के लिए इस साल का सबसे गंभीर तूफान बना हुआ है. बता दें कि बिपरजॉय तूफान 10 दिनों तक बना रह सकता है. जो पिछले 10 सालों के तूफान के ड्यूरेशन के मुकाबले सबसे ज्यादा है. 2013 में पायलीन तूफान आया था. ये तूफान 9 दिनों तक था. 

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के अनुसार, बिपरजॉय अरब सागर में सबसे लंबे समय तक रहने वाला तूफान बनने की राह पर है. तूफान के शुरू हुए 8 दिन हो चुके हैं, और इसे अभी कई तटों से टकराना बाकी है. बता दें कि अरब सागर के ऊपर 2019 में अत्यंत गंभीर चक्रवात क्यार का जीवन काल 9 दिन और 15 घंटे था. 

चक्रवात बिपरजॉय 126 घंटों के लिए श्रेणी 1 ( अत्याधिक खतरनाक) चक्रवात माना जा रहा है. जेटीडब्ल्यूसी (संयुक्त टाइफून चेतावनी केंद्र) के अनुसार 1982 में श्रेणी 1 चक्रवात की ताकत 120 किमी प्रति घंटे की थी. बिपरजॉय तूफान में हवा की गति 165-175 से 190 किमी प्रति घंटे तक बनी हुई है. 

मानसून पर तूफान का क्या असर

स्काईमेट के मुताबिक इस तूफान की वजह से मानसून की शुरुआत में देरी हो सकती है. आईएमडी ने पहले कहा था कि अल नीनो की स्थिति के बावजूद मानसून के दौरान भारत में सामान्य वर्षा होने की उम्मीद है.

मानसून में देरी का क्या मतलब हो सकता है?

दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत में किसी भी तरह की देरी कृषि में बाधा डाल सकती है. मानसून में देरी से फसल के उत्पादन पर गहरा असर पड़ता है. मानसून में देरी होने से गर्मियां ज्यादा लंबे समय तक रहती हैं. जो सीधा फसलों को प्रभावित कर सकता है.

स्काईमेट तूफान की वजह से हवा की गति लगातार 150 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की संभावना है. चक्रवात के कारण कई राज्यों में भारी बारिश और तेज हवाएं चलेंगी. 

पाकिस्तान के दक्षिणी सिंध प्रांत को भी बना रहा निशाना

अरब सागर से चक्रवात बिपरजॉय पाकिस्तान के दक्षिणी सिंध प्रांत को भी निशाना बना रहा है. पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, इसके गुरुवार को तट से टकराने का अनुमान है. यहां पर ये 200 किलोमीटर प्रति घंटे (124 मील प्रति घंटे) की अधिकतम हवा की गति तक पहुंच सकता है. तूफान पाकिस्तान के कराची को प्रभावित कर सकता है. 

पाकिस्तान में पिछले साल विनाशकारी बाढ़ में 1,739 लोग मारे गए थे. इसके बाद बिपरजॉय पाकिस्तान में आने वाला पहला भीषण तूफान है. द डिप्लोमेट की रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामाबाद स्थित सतत विकास नीति संस्थान के कार्यकारी निदेशक और पाकिस्तान की जलवायु परिवर्तन परिषद के सदस्य आबिद कय्यूम सुलेरी ने कहा, "कराची, मुंबई, ढाका और कोलंबो जैसे दक्षिण एशिया के बड़े तटीय शहरों के लिए बेहतर तैयारी बहुत जरूरी हो गई हैं. बेहतर नीतियों की मदद से ही  जीवन और मृत्यु के बीच अंतर को कम किया जा सकता है.

2021 में तूफान ताउते इन्हीं क्षेत्रों में दस्तक देने वाला ताउते आखिरी गंभीर तूफान था. इस चक्रवात ने 174 लोगों की जान ले ली. इससे पंद्रह लाख सात सौ हजार से अधिक का नुकसान हुआ था.

 

Published at: 14 Jun 2023 04:31 PM (IST)
Tags: Global Warming News Plus Cyclone biparjoy
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