Sumeet Raghavan on 70 Hour Work Week Idea: साराभाई वर्सेस साराभाई जैसे शोज कर चुके एक्टर सुमित राघवन आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. वो सालों से इंडस्ट्री में एक्टिव हैं और अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा चुके हैं. इन दिनों वो Sony SAB के शो 'वागले की दुनिया' में नजर आ रहे हैं. सुमित राघवन ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए टीवी इंडस्ट्री में काम करने के एक्सपीरियंस और देश में जो हफ्ते के 70 घंटे काम करने को लेकर डिबेट चल रही है उस पर बात की.
हफ्ते के 70 घंटे काम को लेकर बोले सुमित राघवन
हफ्ते के 70 घंटे काम करने की डिबेट पर सुमित ने रिएक्ट किया. उन्होंने कहा, 'टीवी में इसे लागू करना बहुत मुश्किल है. क्योंकि मांग बहुत है. डेडलाइन्स होती हैं. पहले हमारे पास 24 एपिसोड की बैंक थी जो अब घटकर 8 एपिसोड पर आ गई है. तो हमारे प्रोड्यूसर ने कहा कि इस महीने आपको छुट्टियां नहीं मिलेंगी. लेकिन सभी काम करने के लिए तैयार हैं. क्योंकि हमारी कोई फिक्स्ड इनकम नहीं है. तो जितना ज्यादा काम हम करेंगे उतनी हमारी इनकम होगी. तो कोई शिकायत भी नहीं करता. हम 24 घंटे काम नहीं करते. हम 12 घंटे ही काम करते हैं और कभी-कभी ये 12 घंटे से भी कम होता है. 9 बजे की शिफ्ट में हम आते हैं और 10 बजे शूटिंग शुरू करते हैं. रात 9 बजे काम बंद करते हैं. और जब आप शूट करना एंजॉय करते हैं और आपके पास वागले की दुनिया जैसी टीम हो तो शिकायत और थकावट नहीं रहती है.'
स्ट्रगल पर क्या बोले सुमित राघवन?
सुमित ने कहा, 'मैं हमेशा मोटिवेटेड ही रहता हूं. स्ट्रगल जिंदगी में बहुत जरुरी है. अगर घर बैठे आपको सबकुछ चांदी की चम्मच में मिल जाए तो आपको उसकी अहमियत नहीं रहती है. मैं बहुत खुश हूं. जब मेरे पास काम नहीं होता है तो मैं उतना ही परेशान हो जाता हूं कि मेरे पास काम नहीं है. मेरी स्ट्रगल हमेशा से ये ही रहती है कि मुझसे अच्छा काम हो. वागले की दुनिया को 5 साल हो गए हैं. आज भी सभी लोग बहुत मेहनत से काम कर रहे हैं. अच्छी टीम का होना बहुत जरुरी है. मैं इतना जल्दी थकता नहीं. हम लोग महीने के 27-28 दिन काम करते हैं. लास्ट छुट्टी हमें 15 जनवरी को मिली थी और हम बिना छुट्टी के काम कर रहे हैं. और शायद आने वाले 2 हफ्तों में छुट्टी नहीं मिलने वाली, लेकिन फिर भी हम डटे हुए हैं. ऑडियंस हमें जो प्यार दे रही है उससे हम बहुत खुश हैं.'
कैसे मिला था पहला शो?
बता दें कि सुमित का पहला शो फास्टर फेणे था. अपने पहले शो के बारे में बात करते हुए सुमित ने कहा, 'मैं उस जमाने में चिल्ड्रन थिएटर वर्कशॉप करता था. तो वहां के जो प्रमुख थे. उन्होंने मुझे देखकर एक शो ऑफर किया था. उन्होंने कहा था कि मैं एक शो दूरदर्शन के लिए डायरेक्ट करने वाला हूं. वो एक बहुत फेमस कैरेक्टर रहा है बच्चों में उसका नाम है फास्टर फेणे. ये एक नन्हा डिटेक्टिव है. क्योंकि मैं भी उस वक्त नन्हा डिटेक्टिव था. तो ये मेरी शुरुआत थी.'
सुमित 2019 से वागले की दुनिया का हिस्सा हैं. इस शो में वो राजेश वागले के रोल में नजर आ रहे हैं. शो वागले की दुनिया के नए ट्रैक को लेकर भी उन्होंने बात की. शो में एक रोचक मोड़ आया है. राजेश वागले को भविष्य बताने की रहस्यमयी शक्ति प्राप्त हुई हैं.
इस पर सुमित ने कहा, 'इससे रिलेटेड एपिसोड आने भी शुरू हो गए हैं. धीरे-धीरे ये शक्तियां गायब हो जाएंगी. क्योंकि एक ऐसा दौर आया था जब राजेश पुणे से आया था और उसका काम नहीं हुआ था. तो वो परेशान था. अचानक से सुनसान सड़क पर उसकी गाड़ी बंद पड़ जाती है. मोबाइल चला जाता है. तो एक बंदा आता है और उसकी गाड़ी ठीक कर देता है. वो राजेश को एक पावर बैंक देता है. पावर बैंक को जब वो फोन से कनेक्ट करता है तो उसे पूर्वाभास होता है.'
राजेश वागले के कैरेक्टर से कैसे करते हैं रिलेट?
वागले की दुनिया में राजेश वागले के कैरेक्टर से कैसे रिलेट कर पाते हैं? इस सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा, 'रिलेट कर पाना मुश्किल होता है. मैं एक्टर हूं और हर कैरेक्टर से रिलटे नहीं कर पाता हूं. लेकिन हां कुछ चीजें होती हैं जो मैं उस कैरेक्टर से लेने की कोशिश करता हूं या फिर अपनी तरफ से एड करने की कोशिश करता हूं. राजेश वागले और मुझमें कुछ समानताएं भी हैं. जैसे वो अपने पेरेंट्स का ख्याल रखता है मैं भी वैसे ही अपने पेरेंट्स का ख्याल रखता हूं. पेरेंट्स से बढ़कर कोई और नहीं है. मैंने अपने पेरेंट्स को स्ट्रगल करते हुए देखा है. जैसे उन्होंने जिंदगी बिताई, जब उन्हें देखता हूं तो लगता है कि मुझे भी ऐसे ही अपना जीवन बिताना है. वैसा ही राजेश वागले भी है. वो भी फैमिली मैन है और मैं भी फैमिली मैन हूं.'
सोशल मीडिया के दौर में जहां लोग एक-दूसरे से दूर हो रहे हैं, ऐसे में वागले की दुनिया लोगों को फैमिली और पड़ोसियों को एक-दूसरे कनेक्ट रखने के मैसेज देता है. तो नई जेनरेशन को क्या कहना चाहेंगे. इस पर सुमित ने कहा, 'नई जेनरेशन वागले की दुनिया नहीं देखती है. वो ज्यादातर मोबाइल पर होती है, ओटीटी देखती है. हमारी ऑडियंस 45 साल की उम्र से ज्यादा वाली है. या फिर उनके पेरेंट्स हैं. या फिर जो बच्चे 12 साल से छोटे हैं और पेरेंट्स के साथ देखते हैं. लेकिन हमारे यहां जो लोग मिलने आते हैं वो इन्हीं बच्चों के साथ आते हैं. वो ये ही कहते हैं कि आपके शो के जरिए हम अपने बच्चों को संस्कार सिखा पाते हैं. अभी दुबई से 12-15 लोग आए थे और वो ये ही बोल रहे थे कि कुछ भी हो जाए हम आपको शो जरुर देखते हैं. तो मेरे ख्याल से छोटी उम्र में आप अगर बीज बो दो संस्कारों का तो मेरे ख्याल से ये अच्छा होगा.'
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