TV Actors shares Holi Celebration Memories: देशभर में होली की धूम है. 25 मार्च को हर जगह होली का त्योहार मनाया जाएगा और लोग होली के रंगों में डूबकर त्योहार का मजा उठाएंगे. लेकिन कुछ लोगों का ये मानना है कि त्योहारों का असली मजा बचपन में आता था. कुछ लोग ये भी कहते हैं कि होली बचपन में ही होती थी, अब तो तब फॉर्मेलिटी कर ली जाती है. ये बातें टीवी के दो एक्टर्स राहुल सुधीर और मिश्कत वर्मा ने की हैं.


टीवी एक्टर राहुल सुधीर और मिश्कत वर्मा ने बताया कि होली उनका 'पसंदीदा' त्योहार है. इसके बारे में उन्होंने कहा कि वो बचपन में पुराने कपड़े पहनते थे और अपने-अपने पड़ोस में पानी के गुब्बारे और रंग उड़ाते थे. होली का मजा कुछ इस तरह लिया जाता था.


कैसी होती थी राहुल सुधीर की होली?


टीवी एक्टर राहुल सुधीर ने होली को लेकर अपनी यादों को साझा किया है. उन्होंने बताया, 'बड़े होने के साथ होली हमेशा मेरे पसंदीदा त्योहारों में एक रही है. जब मैं बच्चा था, तब हर साल होली के दिन सुबह दोस्तों के साथ निकल जाता था. किसी को कोरा नहीं छोड़ता था और पानी के गुब्बारे उड़ाकर इस त्योहार को खुशी के साथ मनाते थे.'






एक्टर ने आगे कहा, 'मेरी सबसे प्यारी यादों में से एक है कि जब मैं घर वापस जाता था तो अपनी मां के हाथों से बनाई गुझिया खाता था और ठंडाई पीता था. ये यादें मेरे लिए बहुत कीमती हैं, जो मुझे उन मौज-मस्ती के पलों की याद दिलाती हैं. असल में होली का असली मजा बचपन में ही आता है जब हम बेफिक्री के साथ होली खेलते थे. वैसे आप सभी को मैं होली की शुभकामनाएं देना चाहता हूं.'


कैसी होती थी मिश्कत वर्मा की होली?


वहीं टीवी एक्टर मिश्कत वर्मा ने भी होली की यादों को साझा करते हुए कई बातें कहीं. उन्होंने कहा, 'मेरे पसंदीदा त्योहारों में होली सबसे ज्यादा फेवरेट है. मैं हर साल इसके आने का बेसब्री से इंतजार करता हूं। होली के दिन मैं पूरे फेस्टिवल के सेलिब्रेशन में डूब जाता हूं. होली से पहले के दिन खूब सारी तैयारी करता हूं जिससे इसके सेलिब्रेशन में कोई कमी ना रह जाए.'






एक्टर ने आगे कहा, 'बचपन में मैं और मेरी बड़ी बहन मिहिका पापा-मां को अलग-अलग रंग भरे पानी के गुब्बारों से रंग दिया करते थे. इसके बाद सभी पानी की बंदूकें इकट्ठा करने में मदद करते थे जिससे हम घर में आने वालों को रंग लगा सकें. हम अपने दोस्तों के साथ अपने पड़ोस में होने वाली होली पार्टी में जाने के लिए उत्साहित रहते थे.'


मिश्कत ने इस बारे में आगे कहा, 'होली की सुबह, हम आस-पड़ोस में गूंजती हंसी और गानों की आवाज से उठते थे. वो दौर ही कुछ और होता था. हम पुराने कपड़े पहनकर, कलर के पैकेट और पानी की बंदूकों से लैस होकर सड़कों पर निकल पड़ते थे. मेरे बचपन की होली की ये यादें मेरे जीवन के सबसे सुखद और सबसे रंगीन पलो में से है. मैं फैंस को होली की शुभकामनाएं देता हूं.'


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