Ramayan: रामानंद सागर की रामायण 90 के दशक में टीवी पर प्रसारित हुई थी. उस जमाने में इस टीवी सीरियल को देखने के लिए हर कोई अपने कामकाज छोड़कर टीवी के सामने बैठ जाता था. हाल ये था कि कई लोगों ने इस सीरियल को देखने के लिए टीवी खरीदी थी. समय तो बदला लेकिन इस सीरियल की फैन फॉलोइंग आज भी बरकरार है, लेकिन क्या आप जानते हैं इस सीरियल को बनाने का आइडिया रामानंद सागर को कैसे आया था.


कई सुपरहिट फिल्में देने के बाद टीवी की दुनिया में रखा था कदम
रामानंद सागर ने घूंघट, आरजू, प्रेम बंधन जैसी कई सुपरहिट फिल्मों को डायरेक्ट किया था. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत पृथ्वी थिएटर में स्टेज मैनेजर के रूप में की थी.


कैसे आया रामायण बनाने का आइडिया
रामानंद सागर साल 1976 में चरस नाम की फिल्म की शूटिंग के लिए स्विट्जरलैंड गए थे. एक दिन उनका काम पूरा होने के बाद वो अपने चारों बेटों को लेकर एक कैफे में गए. वहां सभी ने रेड वाइन ऑर्डर की. वेटर वाइन तो लाया ही साथ ही एक बॉक्स भी लाया. उस बॉक्स के सामने दो पाले लगे हुए थे. उसने दोनों पाले खिसकाए और बॉक्स में लगा स्विच ऑन कर दिया. यूं तो भारत में टीवी आ चुका था, लेकिन रामानंद सागर के लिए उस वक्त कलर टीवी देखना नई बात थी.


जब रामानंद सागर ने फिल्मों की दुनिया को छोड़ टीवी की दुनिया में रखा कदम
रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने अपने पिता की बायोग्राफी एन एपिक लाइफ : रामानंद सागर में बताया है कि बस यही वो पल था जब रामानंद सागर ने फिल्में छोड़ टीवी की दुनिया में आने का फैसला किया था.


मेरी जिंदगी का मिशन है मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम
प्रेम सागर ने अपनी किताब में बताया कि उस दिन वो रेड वाइन का गिलास लिए देर रात तक टीवी को निहारते रहे. फिर बोले, 'मैं सिनेमा छोड़ रहा हूं... मैं टेलीविजन (इंडस्ट्री) में आ रहा हूं. मेरी जिंदगी का मिशन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम, सोलह गुणों वाले श्री कृष्ण और आखिर में मां दुर्गा की कहानी लोगों के सामने लाना है.' बस यहीं से रामानंद सागर ने रामायण बनाने का फैसला किया और लोगों तक इसे पहुंचाया.


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