दरअसल कुछ समय पहले सुनील एक अवॉर्ड फंक्शन में अमिताभ बच्चन का रूप धारण कर पहुंचे थे. यहां उन्होंने बच्चन के अंदाज में शुद्ध हिंदी में ऐसी कविता सुनाई कि आप सुनकर उसे हंसे बिना रह नहीं पाएंगे. सुनील ने मौजूदा दौर के गानों, सिंगर्स और रिमिक्स पर कटाक्ष किया जिसे सुनकर म्यूजिक इंडस्ट्री के लोग भी हंसी नहीं रोक पाए.
कविता का शीर्षक है-गीतों का शहर.एक शाम में गीतों के शहर गया, एक गीत मिला जिसके बदन पर नहीं की वस्त्र थे, किन्तु उसके चर्चे यत्र-तत्र-सर्वत्र थे.मैंने पूछा-हिट होकर भी बिना कपड़ों के, क्या हुआ बताएगा, उसने कहा, नंगा ही तो आया था क्या ... लेकर जाएगा.
इसके आगे सुनील बोले-आगे मुझे मिले कोई अकेले टहलते शब्द, गीतों के वेश में वो शब्द थे उपलब्ध, मैंने पूछा गीतों के शहर में अकेले शब्दों के क्या मायने हैं?उन्होंने कहा-हम अकेले शब्द नहीं, बादशाह के गाने हैं.