Good Bad Ugly Teaser: अजित कुमार की मच अवेटेड फिल्म गुड बैड अग्ली का टीजर आउट हो चुका है. फिल्म में साउथ एक्टर अजित कुमार और तृषा कृष्णन लीड रोल में दिखने वाले हैं. टीजर देखकर आपको साफ अंदाजा लग जाएगा कि फिल्म में आपको शायद ही कुछ नया देखने को मिले.

हाल में ही विदामुयार्ची लेकर आए अजित कुमार को बॉक्स ऑफिस पर निराशा हाथ लगी. फिल्म कुछ खास कलेक्शन नहीं कर पाई. अब गुड बैड अग्ली का टीजर देखकर भी कुछ खास तो दिख नहीं रहा है कि फिल्म कुछ अलग कमाल करेगी. खैर ये बात फ्यूचर पर छोड़ते हैं कि फिल्म लोगों को कितनी पसंद आएगी. सबसे पहले नजर डालते हैं इसके टीजर पर फिर जानेंगे कि आखिर क्यों ये टीजर निराश कर रहा है.

कैसा है टीजर

टीजर देखकर पता चल रहा है कि फिल्म में अजित कुमार किसी गैंग्सटर जैसे रोल में हैं. करीब डेढ़ मिनट के टीजर में हर सीन में अजित कुमार ही दिख रहे हैं. कभी वो डायलॉगबाजी करते तो कभी किसी के दांत तोड़ते और कभी गोलियों की बौछार करते हुए दिख रहे हैं.

टीजर देखकर न तो आप कहानी का अंदाजा लगा पाएंगे और न ही ये जान पाएंगे कि फिल्म किस बारे में है. हालांकि, ये आइडिया जरूर लग जाएगा कि फिल्म हीरोइज्म बेस्ड है, जहां एक ही बंदा पूरी फिल्म में सैकड़ों हजारों को कभी एक्शन से तो कभी अपने एटीट्यूड से मारता दिखेगा.

5 पॉइंट्स में जानें क्यों निराश कर रहा है टीजर

टीजर देखकर मच अवेटेड कहना गलत लग रहा है क्योंकि इसमें कुछ भी ऐसा नहीं दिखा जिसके लिए ऑडियंस इसका वेट कर रही हो. फिल्म में साउथ सिनेमा के प्योर मसाला वर्जन की महक आ रही है. यहां समझते हैं कि फिल्म क्यों हताश कर रही है.

  1. सबसे पहले अजित कुमार पर नजर डालेंगे तो पाएंगे कि फिल्म में वो वही सब करते दिखे हैं जो बाकी के साउथ एक्टर्स और वो खुद अपनी पुरानी एक्शन फिल्मों में करते दिखे. यानी एक्टिंग के बजाय एक्टिंग का दिखावा, डायलॉग बोलने के लिए एक्सप्रेशन को चेहरे पर ऐसे हावी करते हैं कि डायलॉग की आत्मा मर जाती है और सिर्फ चेहरे के हावभाव याद रह जाते हैं.
  2. दूसरा फिल्म का म्यूजिक वैसा ही है जैसे कंगुवा और गेम चेंजर जैसी तमाम फिल्मों में सुन चुके हैं. कर्णप्रियता खत्म करके वीर रस बढ़ाने के चक्कर में कानफोड़ू बीजीएम इस्तेमाल होते दिखा है.
  3. टीजर देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि फिल्म में शायद ही कुछ नयापन मिले. ज्यादातर साउथ एक्शन फिल्मों में किसी हीरो की एंट्री से पहले एक डायलॉग बोलने वाला शख्स होता है जो ये तय करता है कि वो अपनी बातों से ही ऑडियंस को बता दे कि उनका हीरो कितना खतरनाक है. टीजर की शुरुआत में ही एक किरदार बताता है- 'बंदा रूल्स का पक्का है लेकिन वही तोड़कर वो यहां आया है, अब उसकी हर सांस तेरी आखिरी होगी.' यानी कहानी को पनपने देने के बजाय मुंह से बोलकर बता दो कि हीरो बहुत खूंखार है.
  4. फिल्म का कलर कॉम्बिनेशन ऐसा क्यों है पता नहीं. कुछ और भी हो सकता था. इसे देखकर कभी पुष्पा 2 तो कभी सालार और कभी केजीएफ की याद आती है. डार्क और रेड कलर से भरा हुआ है पूरा टीजर.
  5. एक्शन की बात करें तो आपको न तो विद्युत जामवाल वाला स्टाइल देखने को मिलेगा और न ही अक्षय कुमार जैसा रियल एक्शन. वही घिसे-पिटे एक्शन सीक्वेंस हैं जो आप सैकड़ों बार देख चुके होंगे. साफ दिखता है कि चीजों को उड़ाने के लिए ब्लास्ट और हीरो को उड़ाने के लिए केबल का इस्तेमाल करो और हीरो एक्शन करता हुए दिखे. कुल मिलाकर टीजर में कुछ भी ऐसा नहीं है जो आपको खुश कर दे.

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